Edited By Pardeep,Updated: 06 Aug, 2025 06:02 AM

सामान्य केंद्रीय सचिवालय (सीसीएस) की सभी 10 इमारतों का निर्माण अगले 22 महीनों में किया जाएगा। इसी क्रम में शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन में स्थित कई मंत्रालयों को जल्द ही नए स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
नेशनल डेस्कः सामान्य केंद्रीय सचिवालय (सीसीएस) की सभी 10 इमारतों का निर्माण अगले 22 महीनों में किया जाएगा। इसी क्रम में शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन में स्थित कई मंत्रालयों को जल्द ही नए स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को सीसीएस के पहले भवन का उद्घाटन करेंगे जिसे ‘कर्तव्य भवन' नाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रधानमंत्री कर्तव्य पथ पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। कर्तव्य भवन-03, सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है। नए सचिवालय का उद्देश्य प्रशासन को सुव्यवस्थित करना है। सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सीसीएस की दस इमारतों का निर्माण कराया जा रहा है।
मंत्रालय के मुताबिक दो निर्माणाधीन इमारतें, 1 और 2, अगले महीने तक पूरी हो जाएंगी, जबकि सीसीएस 10 इमारत अगले वर्ष अप्रैल तक पूरी हो जाएगी। उसने बताया कि सीएस भवन 6 और 7 का निर्माण अक्टूबर 2026 तक किया जाएगा। खट्टर ने बताया कि शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन से संचालित कार्यालय दो साल के लिए अस्थायी रूप से कस्तूरबा गांधी मार्ग, मिंटो रोड और नेताजी पैलेस स्थित नए स्थानों पर स्थानांतरित किये जाएंगे।
खट्टर ने कहा कि उनके मंत्रालय को भी कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित एक भवन में स्थानांतरित करने का कार्य शुरू हो गया है। एक अधिकारी ने बताया कि चार भवनों को ध्वस्त करने के लिए दो महीने के भीतर निविदा जारी कर दी जाएगी तथा शेष भवनों का निर्माण दिसंबर तक शुरू हो जाएगा। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव के.श्रीनिवास ने कहा कि पूरा सेंट्रल विस्टा इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से एक नई मेट्रो लाइन से जुड़ेगा। यह लाइन सीसीएस भवनों, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक से होकर गुजरेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, मंत्रालयों की निकटता से नीति कार्यान्वयन में तेजी आएगी।