असम में चाय बगान मजदूरों की समस्या फिर बनी मुद्दा, केवल चुनाव के शोर में ही होती है चर्चा

Edited By Utsav Singh,Updated: 16 Apr, 2024 06:32 PM

the problem of tea garden workers again becomes an issue in assam

असम के चाय बागान ने भले ही राज्य को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई हो, लेकिन इस उद्योग से जुड़े मजदूरों की समस्याओं और मुद्दों पर चुनाव के शोर में ही चर्चा की जाती है और राजनीतिक नेता उन्हें हल करने का वादा करते हैं।

नेशनल डेस्क: असम के चाय बागान ने भले ही राज्य को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई हो, लेकिन इस उद्योग से जुड़े मजदूरों की समस्याओं और मुद्दों पर चुनाव के शोर में ही चर्चा की जाती है और राजनीतिक नेता उन्हें हल करने का वादा करते हैं। राज्य के डिब्रूगढ़ लोकसभा क्षेत्र में चाय के सबसे ज्यादा बागान हैं जहां कुल 16.50 लाख मतदाताओं में से 30 प्रतिशत बागान के मजदूर हैं। कांग्रेस को इन मजदूरों का समर्थन मिलता था लेकिन 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने डिब्रूगढ़ सीट कांग्रेस से छीन ली और 2019 में हुए अगले लोकसभा चुनाव में भी इस क्षेत्र पर अपना कब्जा बरकरार रखा।

PunjabKesari

इस सीट में डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया दो जिले आते हैं, जहां कुल 301 बड़े और 51,063 छोटे चाय बागान हैं। इन बागानों में काम करने वाले श्रमिकों के प्रमुख मुद्दे मजदूरी, स्वास्थ्य, शिक्षा और भूमि दस्तावेज (पट्टा) हैं। केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार सर्बानंद सोनोवाल ने चाय बागानों में प्रचार अभियान किया है। सोनोवाल ने कहा, “ मुख्यमंत्री के तौर पर हिमंत विश्व शर्मा और मेरे कार्यकाल के दौरान, हमने बागान श्रमिकों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। इन श्रमिकों की कांग्रेस ने अपने 60 वर्षों के कुशासन के दौरान उपेक्षा की थी।”

PunjabKesari

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इन श्रमिकों को सिर्फ वोट बैंक माना और उनकी समस्याओं का निदान नहीं किया। विपक्षी उम्मीदवार और असम जातीय परिषद (एजेपी) के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने बताया कि असम विश्व स्तर पर अपने चाय उद्योग के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके श्रमिकों की स्थिति दयनीय है। उन्होंने कहा, “ भाजपा ने चाय बागान श्रमिकों के लिए कई वादे किए थे, जिनमें 350 रुपये मजदूरी, उनके घरों की जमीन का पट्टा देना, स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी सुविधाएं शामिल थीं, लेकिन वादे पूरे नहीं किए गए।”

PunjabKesari

मैदान में तीसरे उम्मीदवार, आम आदमी पार्टी (आप) के मनोज धनोवर, चाय जनजाति समुदाय से आते हैं। उन्होंने दावा किया कि यहां बागान श्रमिकों की स्थिति देश में सबसे खराब है और भाजपा सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली तथाकथित सुविधाएं सभी वर्गों तक नहीं पहुंची हैं। डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होगा।

 

 

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!