पेरिस ओलंपिक से बजरंग पूनिया समेत इन 2 स्टार पहलवानों का पत्ता कटा... ट्रायल्स में बुरी तरह हारे

Edited By Yaspal,Updated: 11 Mar, 2024 05:28 AM

these 2 star wrestlers including bajrang punia were eliminated

तोक्यो ओलंपिक खेलों के पदक विजेता बजरंग पूनिया और रवि दहिया रविवार को यहां आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए चयन ट्रायल में अपने मुकाबले हारने के बाद पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन की दौड़ से बाहर हो गये।

नेशनल डेस्कः तोक्यो ओलंपिक खेलों के पदक विजेता बजरंग पूनिया और रवि दहिया रविवार को यहां आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए चयन ट्रायल में अपने मुकाबले हारने के बाद पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन की दौड़ से बाहर हो गये। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुआई करने वाले पूनिया को पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा सेमीफाइनल में रोहित कुमार से 1-9 से हार मिली।

इससे पहले वह रविंदर के खिलाफ मुश्किल से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे। अगर रविंदर ने मुकाबले में चेतावनी से अंक नहीं गंवाया होता तो पूनिया पहले ही मुकाबले में बाहर हो गये होते। सेमीफाइनल में हारने के बाद पूनिया गुस्से में तुरंत भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र से चले गये।

डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अधिकारियों ने पूनिया के डोप नमूने लेने की कोशिश की लेकिन वह तीसरे-चौथे स्थान के मुकाबले के लिए भी नहीं रूके। पूनिया ने ट्रायल्स की तैयारी के लिए रूस में ट्रेनिंग ली थी। ये ट्रायल्स भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल द्वारा आयोजित किये जा रहे हैं। पूनिया ने हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट में यह कहते हुए मुकदमा जीत लिया था कि निलंबित डब्ल्यूएफआई के पास ट्रायल्स कराने का कोई अधिकार नहीं है।

पुरुष 57 किग्रा (नोर्डिक प्रारूप में) हमेशा ही मुश्किल वर्ग रहा है जिसमें तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया और अमन सेहरावत दौड़ में थे। चोट से वापसी कर रहे दहिया बड़े स्कोर वाले पहले मुकाबले में अमन से 13-14 से हार गये। दोनों ही छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग करते हैं। दहिया जब प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे थे तो अमन 2023 में लगभग सभी टूर्नामेंट में पदक जीतकर सुर्खियों में रहे थे।

एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता अमन ने अंतिम मिनट में दहिया के दबदबे को खत्म करते हुए मुकाबला जीत लिया। दहिया अगले मुकाबले में अंडर-20 एशियाई चैम्पियन उदित से हार गये। ट्रायल्स के विजेताओं को एशियाई और विश्व ओलंपिक क्वालीफायर में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा। भारत ने अभी तक अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा) के जरिये ही पेरिस ओलंपिक के लिए एक कोटा हासिल किया है।

बजरंग पूनिया डब्ल्यूएफआई (भारतीय कुश्ती महासंघ) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और धरने पर बैठने वाले पहलवानों में शामिल थे। बजरंग पूनिया ने पिछले दिनों यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) को पत्र लिखकर WFI के खिलाफ एक्शन लेने की गुजारिश की थी। हालांकि इसके कुछ दिनों बाद ही UWW ने डब्ल्यूएफआई पर लगा बैन हटा दिया था।

बजरंग पूनिया ने 2019 में कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। उस चैम्पियनशिप में बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में उनका तीसरा मेडल रहा। टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग से वैसे तो गोल्ड मेडल की आस थी, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। 65 किलो भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से मात दी थी।

बजरंग ने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता था गोल्ड
बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलो भारवर्ग के फाइनल में बजरंग पूनिया ने कनाडा के एल। मैकलीन को 9-2 मात दी। बजरंग पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड एवं ओवरऑल तीसरा मेडल था। हालांकि उस गोल्ड मेडल जीत के बाद वह कुछ खास नहीं कर पाए हैं।

 

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