Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Nov, 2022 02:11 PM
तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ‘भगवान विष्णु को स्नान कराने' के लिए रनवे से गुजरने वाले जुलूस के कारण मंगलवार दोपहर को पांच घंटे के लिए अपनी उड़ान सेवाओं को रोकेगा।
नेशनल डेस्क: तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ‘भगवान विष्णु को स्नान कराने' के लिए रनवे से गुजरने वाले जुलूस के कारण मंगलवार दोपहर को पांच घंटे के लिए अपनी उड़ान सेवाओं को रोकेगा। हवाई अड्डा मशहूर पद्मनाभ स्वामी मंदिर की सदियों पुरानी इस परंपरा के लिए हर साल दो बार अपनी उड़ानों के कार्यक्रम में परिवर्तन करता है। मंदिर का यह जुलूस यहां रनवे के पास से गुजरता है।
चार बजे से रात नौ बजे बंद रहेगी सेवा
मंदिर के ‘‘अरट्टू'' जुलूस के साथ ही मंगलवार को अलपसी उत्सव संपन्न हो जाएगा। हवाई अड्डा प्राधिकारियों ने यहां बताया कि उड़ान सेवाएं शाम चार बजे से रात नौ बजे तक पांच घंटे के लिए निलंबित रहेगी। इस परंपरा के लिए हवाई अड्डे को बंद करने की यह प्रथा दशकों से चली आ रही है और पिछले साल अडानी समूह द्वारा इस हवाई अड्डे का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के बावजूद भी यह रुकी नहीं है।
कम से कम 10 उड़ानों के कार्यक्रम में बदलाव
हवाई अड्डा प्रबंधन ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘अलपसी अरट्टू जुलूस के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे से गुजरने के लिए श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर की सदियों पुरानी परंपरा के सुचारू संचालन के वास्ते उड़ान सेवाएं एक नवंबर 2022 को शाम चार बजे से रात नौ बजे तक स्थगित रहेंगी।'' इस दौरान घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। हवाई अड्डे के एक सूत्र ने बताया कि कम से कम 10 उड़ानों के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है।
हम पूरी पवित्रता के साथ यह निभा रहे हैं परंपरा
सूत्रों ने कहा, ‘‘रनवे के समीप अरट्टू मंडपम है जहां मंदिर की प्रतिमाओं को जुलूस के दौरान एक रस्म के तौर पर कुछ देर के लिए रखा जाता है। हम पूरी पवित्रता के साथ यह निभा रहे हैं। हम पारंपरिक जुलूस के लिए व्यवस्था कर रहे हैं। विमानन कंपनियां भी पूरा सहयोग दे रही हैं।'' मंदिर की परंपरा के अनुसार, मंदिर के देवताओं की प्रतिमाओं को साल में दो बार स्नान के लिए समुद्र में ले जाया जाता है जो हवाई अड्डे के पीछे है। 1992 में हवाई अड्डे के बनने से पहले से ही यह जुलूस इस मार्ग से गुजरता रहा है।