Edited By Pardeep,Updated: 22 Jul, 2020 05:57 AM
मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड एसयूएम अस्पताल में सोमवार को कोरोना वायरस वैक्सीन, प्रिवेंटिव एंड थेरैप्टिक क्लीनिकल ट्रायल यूनिट के ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल (Human clinical trial ) की शुरुआत हुई है। भारतीय चिकित्सा
भुवनेश्वरः मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड एसयूएम अस्पताल में सोमवार को कोरोना वायरस वैक्सीन, प्रिवेंटिव एंड थेरैप्टिक क्लीनिकल ट्रायल यूनिट के ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल की शुरुआत हुई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) द्वारा 'पहली' संभावित स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' बनी है।
दरअसल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) 15 अगस्त, 2020 को कोरोना वैक्सीन लांच करना चाहता है। वैक्सीन का नाम है-कोवेक्सिन। इसे Bharat Biotech और ICMR ने मिलकर तैयार किया है। इस देसी कोरोना वैक्सीन-कोवेक्सिन की ह्यूमन क्लिनिकल ट्राॅयल की तैयारी चल रही है। इसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) द्वारा फर्स्ट और सेकेंड फेज क्लिनिकल ह्यूमन ट्राॅयल के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
वॉलेंटियर की भर्ती और स्क्रीनिंग शुरू हो चुकी
प्रोफेसर जी साहू, डीन, आईएमएस और एसयूएम अस्पताल, भुवनेश्वर ने एएनआई को बताया कि 22 जुलाई से शुरू होने वाले ह्यूमन ट्रायल के फर्स्ट फेज के लिए 30-40 उम्मीदवारों को चुना जाएगा। प्रोफेसर जी साहू ने कहा कि वॉलेंटियर की भर्ती और स्क्रीनिंग शुरू हो चुकी है। स्क्रीनिंग के बाद हम ट्रायल के पहले फेज के लिए 18-55 वर्ष की आयु के बीच स्वस्थ व्यक्तियों का चयन करेंगे। हम बुधवार को कोविड-19 वैक्सीन के ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के फर्स्ट फेज की शुरुआत करेंगे। हम ट्राॅयल में शामिल कैंडीडेट की निगरानी करेंगे और वे हमारे साथ लगातार संपर्क में रहेंगे।
कोरोना महामारी से बचाव के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन के भुवनेश्वर में मरीजों पर परीक्षण के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया खत्म हो गई है। पहले चरण में 30 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। कोरोना वैक्सीन के परीक्षण के लिए देश में कुल 12 लैब को अनुमति दी गई हैं। इसमें से एक ओडिशा भुवनेश्वर स्थित सम अस्पताल में है। इस परीक्षण का सामना करने के लिए अपनी मर्जी से अनेक लोगों ने आवेदन किया हुआ है जिसमें से पहले चरण में 30 लोगों का चयन कर उनकी स्क्रीनिंग की गई है।