Edited By Pardeep,Updated: 19 Sep, 2019 05:59 AM
नए मोटर व्हीकल एक्ट-2019 लागू होने के बाद से लगातार हो रहे भारी चालान की वजह से यूनाईटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) ने वीरवार को हड़ताल की घोषणा की है। इस दौरान ट्रांसपोर्टर दिल्ली-एनसीआर में वीरवार को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक हड़ताल...
नई दिल्ली: नए मोटर व्हीकल एक्ट-2019 लागू होने के बाद से लगातार हो रहे भारी चालान की वजह से यूनाईटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) ने वीरवार को हड़ताल की घोषणा की है। इस दौरान ट्रांसपोर्टर दिल्ली-एनसीआर में वीरवार को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक हड़ताल करेंगे। वीरवार को ट्रांसपार्टरों के हड़ताल से दिल्ली सहित एनसीआर शहरों में आम जीवन प्रभावित हो सकता है।
बुधवार को चैम्सफोर्ड क्लब में यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता की, जिसमें 34 एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद थे। वार्ता के दौरान पदाधिकारियों ने दावा किया कि हड़ताल में ऑटो, टैक्सी, ट्रक, ओला उबर, एसटीए के तहत चलने वाली कलस्टर बसें, ग्रामीण सेवा, टेम्पो और बड़े व्यवसायिक वाहन शामिल रहेंगे।
इसके पहले एसोसिएशन की ओर से ट्रांसपोर्ट मंत्रालय को मांग पत्र भी सौंपा गया था। जिसमें नए मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की राशि को कम करने, चालान का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एसीपी और एसडीएम स्तर को देनेे, चालान में पारदर्शिता व आधुनिकीकरण को अपनाने, दुर्घटना बीमा में तृतीय पक्ष दायित्व को और स्पष्ट करना भी शामिल है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि सड़क दुर्घटना रोक ने के लिए किए जा रहे कार्रवाई का विरोध नहीं कर रहे हंै उनका विरोध भारी जुर्माना राशि को लेकर है। एक्ट लागू करने से पहले वाहन मालिकों का भी पक्ष रखा जाना चाहिए था। यूएफटीए के संयोजक राजेंद्र कपूर ने कहा कि टैक्स के बाद भारी-भरकम जुर्माने से ट्रांसपोर्टरों की हालत खराब है। पहले से ही ट्रांसपोर्ट उद्योग मंदी की चपेट में है। पदाधिकारियों ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों से वर्ष 2004 से लेकर अब तक दिल्ली नगर निगम ने 1100 करोड़ रुपए वसूलने के बाद भी पार्किंग मुहैया नहीं करा पाया है।