2019 लोकसभा चुनाव में देश में सवा करोड़ नए वोटर!

Edited By Pardeep,Updated: 13 Jul, 2018 11:58 AM

twenty two million new voters in the lok sabha elections

देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान करीब सवा 6 करोड़ नए वोटर अहम भूमिका अदा करेंगे। चुनाव आयोग के पिछले 5 साल के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल औसतन 1 करोड़ 26 लाख के करीब नए वोटर जुड़ रहे हैं। इस लिहाज से अगले साल लोकसभा चुनाव तक...

नई दिल्लीः देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान करीब सवा 6 करोड़ नए वोटर अहम भूमिका अदा करेंगे। चुनाव आयोग के पिछले 5 साल के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल औसतन 1 करोड़ 26 लाख के करीब नए वोटर जुड़ रहे हैं। इस लिहाज से अगले साल लोकसभा चुनाव तक पिछले चुनाव के मुकाबले करीब सवा 6 करोड़ नए वोटर जुड़ चुके होंगे। 

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यह आंकड़ा चुनाव आयोग द्वारा हर साल जनवरी महीने में जारी किए जाने वाले वोटरों के आंकड़ों के मुताबिक है। हालांकि यदि हम पिछले लोकसभा चुनाव में वोटरों की संख्या और इस साल जनवरी के वोटरों के आंकड़ों की गणना करें तो भी अगले साल चुनाव तक देश में करीब पौने 6 करोड़ नए वोटर जुड़ चुके होंगे। चुनाव आयोग के जनवरी 2014 के आंकड़ों के मुताबिक देश में वोटरों की संख्या 815744009 थी जोकि 2018 के जनवरी के आंकड़ों के मुताबिक बढ़ कर  879125763 हो चुकी है, यानी जनवरी 2014 और जनवरी 2018 के आंकड़ों  में  64724288 वोटरों का अंतर है। 

इस लिहाज से हर साल देश में औसतन 12676350 करोड़ नए वोटर जुड़ रहे हैं और अगले चुनाव तक वोट सूची में 63381754 नए वोटर जुड़ चुके होंगे जबकि यदि हम जनवरी 2018 के आंकड़ों की तुलना 2014 के लोकसभा चुनाव के समय वोटरों की संख्या के साथ करें तो 2018 के ताजा आंकड़े के मुताबिक यह संख्या 45042949 वोटर ज्यादा है। यानी इस लिहाज से भी हर साल औसतन करीब 1 करोड़ 12 लाख नए वोटर जुड़ रहे हैं और अगले साल चुनाव तक करीब 5 लाख 60 हजार नए वोटर जुड़ चुके होंगे।

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भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले पौने 7 करोड़ ज्यादा वोट मिले 
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी को 171660230 वोट हासिल हुए थे जबकि कांग्रेस को करीब 106935942 वोट हासिल हुए। इस लिहाज से कांग्रेस को देश भर में कांग्रेस के मुकाबले 64724288 वोट ज्यादा मिले थे और अगले चुनाव में करीब-करीब इतने ही नए वोटर वोटर सूची में जुड़ चुके होंगे और यही वोटर अगले लोकसभा चुनाव का परिणाम प्रभावित करेंगे। 

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चुनाव आयोग द्वारा जनवरी 2014 के दौरान जारी किए गए वोटरों की संख्या और मार्च-अप्रैल में हुए चुनाव के दौरान वोटरों की संख्या में भी 18338805 वोटरों का अंतर है। यानी जनवरी से मार्च 2014 के भीतर तीन महीने में देश में इतने नए वोटर जोड़े गए। यह चुनाव के करीब चुनाव आयोग द्वारा नए वोटर जोडऩे के लिए शुरू की गई आक्रामक मुहिम के कारण हुआ और इस बार फिर चुनाव आयोग ऐसे ही आक्रामक मुहिम शुरू कर सकता है, लिहाजा वोटरों का मौजूदा आंकड़ा करीब 88 करोड़ से बढ़ कर 90 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। 

पार्टियों का नए वोटरों पर फोकस 
इतनी बड़ी संख्या में हर साल नए जुड़ रहे वोटरों पर सारी सियासी पार्टियों की नजर है। इनमें से कई वोटर ऐसे हैं जो 2014 के चुनाव के समय स्कूल में पढ़ रहे थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन छात्रों से चार साल पहले ही शिक्षक दिवस समारोह के जरिए सीधा संवाद शुरू कर दिया था जबकि अन्य पार्टियां भी इन वोटरों को रिझाने के लिए सोशल मीडिया से लेकर तमाम साधन अपना रही हैं। 

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