Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 06:05 PM
अगर इन इस चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रर्दशन की बात करें तो पार्षद की 12 सीटों पर, नगर पालिका सदस्य की 7 सीटों पर नगर पंचायत अध्यक्ष की एक सीट पर और नगर पंचायत सदस्य की 6 सीटों पर कब्जा जमाया है। इससे पहले विधानसभा चुनाव में...
नई दिल्ली: यूपी के निकाय चुनाव के नतीजों ने भाजपा को गदगद कर ही दिया है लेकिन उससे भी ज्यादा सुखद अनुभव असदुद्दीन ओवैसी और अरविंद केजरीवाल की हुआ है। दोनों ही पार्टियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर यूपी में जड़ मजबूत होने के संकेत दिए हैं।हालांकि दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार भले ही मेयर पद पर नहीं जीत पाए हों लेकिन अन्य पदों पर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन इसमें भी ओवैसी की AIMIM ने केजरीवाल की AAP से काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
अगर इन इस चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रर्दशन की बात करें तो पार्षद की 12 सीटों पर, नगर पालिका सदस्य की 7 सीटों पर नगर पंचायत अध्यक्ष की एक सीट पर और नगर पंचायत सदस्य की 6 सीटों पर कब्जा जमाया है। इससे पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी की वोट शेयरिंग 0.02 प्रतिशत रही थी। धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब ओवैसी की पार्टी यूपी में पकड़ बना रही है। एेसे में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के लिए AIMIM आने वाले वक्त में बड़ा खतरा साबित हो सकती है।
वहीं, अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी ने 3 पार्षद पद पर, नगर पालिका सदस्य के 17 पदों पर, नगर पंचायत अध्यक्ष के 2 पद और नगर पंचायत सदस्य के 19 पदों पर जीत हासिल की है। पार्टी यूपी में अपना संगठन तैयार कर रही है। एेसे में इस जीत से पार्टी का हौसला बढ़ेगा और संगठन मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। आम आदमी पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी तेजी से पैर पसार रही है। इन चुनावों में एक-दो जगहों पर तो नंबर दो पर भी रही है।