राहुल के बयान और अडाणी मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, बैठक 23 मार्च तक स्थगित

Edited By Yaspal,Updated: 21 Mar, 2023 03:30 PM

uproar in rajya sabha over rahul s statement and adani issue

मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा उनसे माफी मांगने की मांग और कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों की ओर से अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने में सरकार की विफलता के मुद्दे पर हुए हंगामे की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन की बैठक अब 23 मार्च को होगी। बुधवार को चैत्र शुक्लादि, गुड़ी पड़वा आदि त्योहारों के कारण सदन की बैठक नहीं होगी।

सभापति जगदीप धनखड़ ने एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक के फिर शुरू होने पर कहा कि 22 मार्च को देश के विभिन्न भागों में चैत्र शुक्लादि, उगादी, गुड़ी पड़वा, चेटी चांद, नवरोज सहित विभिन्न त्योहार मनाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कई सदस्यों ने यह अनुरोध किया था कि सदन की बैठक 22 मार्च के बजाय उसके अगले दिन हो ताकि वे इन त्योहारों में भाग ले सकें। सभापति ने कहा कि सदस्यों के अनुरोध को देखते हुए सदन की बैठक 22 मार्च को नहीं होगी। उन्होंने सदस्यों और देशवासियों को ये त्योहार खुशी के साथ मनाने की शुभकामनाएं दीं। कांग्रेस के मुकुल वासनिक सहित कुछ सदस्यों ने सभापति से कहा कि वह रमजान सहित कुछ अन्य त्योहारों को लेकर भी देशवासियों को शुभकामनाएं दें ताकि इस सदन से अच्छा संदेश जाए।

धनखड़ ने उनकी मांग स्वीकार करते हुए कहा कि वह रमजान एवं नवरोज के साथ साथ अप्रैल में आने वाले त्योहारों के लिए भी देशवासियों को बधाई देना चाहते हैं। सभापति ने कहा कि हमारा देश एवं सभ्यता विश्व में अनूठी है और हमारी विविधता हमारी दुर्लभ एकता में परिलक्षित होती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम देश में जहां भी जाएं वहां हमें तीन बातें साझा दिखायी देती हैं। पहली- हमारे विशिष्ट त्योहार, दूसरी- देश के हर कोने में एक ऐसा अचर्चित नायक होगा जिसने स्वाधीनता संग्राम में योगदान दिया होगा तथा तीसरी-, हमें हर क्षेत्र में एक स्थानीय विशिष्ट उत्पाद या क्षमता दिखाई देगी।'' इसके बाद सभापति ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा कराने की बात कही। किंतु इसी बीच नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आसन से कुछ कहने की अनुमति मांगी। खरगे ने कहा, ‘‘राहुल गांधी इस सदन के सदस्य नहीं हैं और उन्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है...।''

नेता प्रतिपक्ष अपनी बात पूरी कर पाते, इससे पहले ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी से माफी की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। सदन में हंगामा होने के कारण सभापति ने बैठक को 23 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले, सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को लेकर उन्हें 11 नोटिस मिले हैं। धनखड़ ने कहा कि उन्हें कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, रंजीत रंजन, कुमार केतकर, सैयद नासिर हुसैन, अमी याज्ञनिक, नीरज डांगी और जेबी मेथर हाशेम सहित कुछ अन्य सदस्यों से नियम 267 के तहत नोटिस मिले है। उन्होंने कहा कि इन नोटिस के जरिए, अडाणी समूह के खिलाफ लेखा धोखाधड़ी और शेयर बाजार में हेरफेर के आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने में सरकार की विफलता पर चर्चा की मांग की गई है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के इलामारम करीम ने अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग करते हुए नोटिस दिया। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने अडाणी समूह से जुड़ी कंपनी द्वारा राजस्थान और महाराष्ट्र में बिजली वितरण में कथित अनियमितता किए जाने की जांच कराने की मांग पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था। सभापति ने कहा कि संसद का उच्च सदन होने के नाते लोगों की अपेक्षा है कि यहां चर्चा और बहस हो। उन्होंने सदन के सुचारू संचालन में सदस्यों का सहयोग मांगा और सदन को अवगत कराया कि उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार दिए हैं। इसके बाद विपक्षी सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और उन्होंने सभापति से विपक्ष के नेता को बोलने देने का अनुरोध किया।

आसन से अनुमति मिलने के बाद अपनी बात रखने के लिए जैसे ही विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे अपने स्थान पर खड़े हुए, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ‘राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे शुरू कर दिए। सभापति धनखड़ ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। हंगामे के बीच ही, सभापति ने सदन में सभी दलों के नेताओं को 11.30 बजे अपने कक्ष में चर्चा के लिए आमंत्रित किया और सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। नियम 267 विपक्षी सांसदों को उच्च सदन में नियमित कामकाज को रोककर किसी ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा करने के लिए लिखित नोटिस देने का अवसर देता है।

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने पर जोर दे रहे हैं। विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण पिछले सप्ताह उच्च सदन में ना तो प्रश्नकाल और ना ही शून्यकाल हो सका था। इस दौरान कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कामकाज भी नहीं हो सका। बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ है। यह छह अप्रैल तक प्रस्तावित है।

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