यमन में फंसी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टलने की उम्मीदें खत्म, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया बड़ा बयान

Edited By Updated: 14 Jul, 2025 02:00 PM

indian nurse nimisha priya trapped in yemen

यमन में एक भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया है। यह मामला 2017 में यमन में हुआ था, जब निमिषा के एक व्यापारिक साझेदार की हत्या हो गई थी। निमिषा को इस हत्या के लिए दोषी माना गया और उसे फांसी की सजा सुनाई गई। यमन की...

नेशनल डेस्क: यमन में एक भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया है। यह मामला 2017 में यमन में हुआ था, जब निमिषा के एक व्यापारिक साझेदार की हत्या हो गई थी। निमिषा को इस हत्या के लिए दोषी माना गया और उसे फांसी की सजा सुनाई गई। यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2024 में उनकी अपील खारिज कर दी थी, जिससे उनकी फांसी की सजा पक्की हो गई। यमन की सरकार ने निमिषा की फांसी 16 जुलाई 2025 को करने का आदेश दिया है। इसके चलते भारत में केरल से लेकर दिल्ली तक उनके लिए आखिरी बचाव के प्रयास हो रहे हैं। लेकिन अब इन प्रयासों को भी बड़ी बाधा का सामना करना पड़ रहा है।

भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को क्या बताया?

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि इस मामले में उनकी मदद की सीमा है। भारत सरकार ने साफ किया कि वे निमिषा की फांसी रोकने के लिए और कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि निमिषा को बचाने का केवल एक तरीका है, वह है मृतक परिवार से ‘ब्लड मनी’ या मुआवजा स्वीकार करवाना।

ब्लड मनी क्या है और क्यों जरूरी है?

यमन में कत्ल के मामलों में मुआवजे का प्रावधान होता है, जिसे ‘ब्लड मनी’ कहा जाता है। यह मुआवजा मृतक के परिवार को दिया जाता है, जिससे सजा को टाला जा सकता है। भारत सरकार ने बताया कि इस मामले में मृतक के परिवार से मुआवजा लेने के लिए बातचीत करनी होगी, लेकिन यह एक निजी मामला है और सरकार के हाथ में इसे मानने पर दबाव डालने की सीमाएं हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जजों ने पूछा कि क्या सरकार मृतक परिवार से बातचीत कर मुआवजा स्वीकार करवाने का प्रयास कर सकती है। सरकार ने जवाब दिया कि यह उनके नियंत्रण में नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे ज्यादा राशि देने को भी तैयार हैं, पर मामला रियाद के दूतावास के अधीन है और वे प्रयास कर रहे हैं।

निमिषा के साथ क्या हुआ था यमन में?

निमिषा प्रिया मूल रूप से केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली हैं। 2017 में यमन में उनके व्यापारिक साझेदार की हत्या हुई थी, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया। यमन की अदालतों ने उनकी अपील खारिज कर दी और इस साल 16 जुलाई को फांसी की सजा लागू करने का आदेश दिया।

भारत सरकार की कोशिशें और सीमाएं

भारत सरकार ने इस मामले में यमन सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा और निमिषा के बचाव के लिए पूरी कोशिश की। लेकिन यमन के कानून और स्थानीय परिस्थितियों के चलते सरकार की सहायता सीमित रही। यह मामला जटिल है क्योंकि यह एक विदेश का कानूनी मामला है और भारत के लिए इसे हल करना आसान नहीं।

परिवार और स्थानीय प्रयास

निमिषा के परिवार वाले और उनके समर्थक भारत में इस सजा को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से लगातार गुहार लगा रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार मृतक परिवार से बातचीत कर ‘ब्लड मनी’ स्वीकार करवाए ताकि निमिषा की जान बच सके।

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