Indian Astronaut Space Return: शुभांशु का ड्रैगन कैप्सूल आज करेगा टचडाउन, सुरक्षित वापसी से पहले मंडरा रहे चिंता के बादल, जानिए वजह?

Edited By Updated: 15 Jul, 2025 10:59 AM

shubhanshu shukla s dragon capsule headed towards earth touchdown today

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनकी Axiom-4 मिशन टीम आज धरती पर लौटने के लिए पूरी तरह तैयार है जिसके लिए देश बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। करीब 18 दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर बिताने के बाद स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन कैप्सूल धरती की ओर तेज़ी से...

नेशनल डेस्क। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनकी Axiom-4 मिशन टीम आज धरती पर लौटने के लिए पूरी तरह तैयार है जिसके लिए देश बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। करीब 18 दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर बिताने के बाद स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन कैप्सूल धरती की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। हर जोखिम को पार करते हुए आज वह घड़ी आएगी जब इस मिशन का हर क्रू सुरक्षित धरती पर कदम रखेगा।

शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम की सुरक्षित वापसी पर कंट्रोल सेंटर, नासा (NASA) और स्पेसएक्स (SpaceX) की पैनी नज़र है। वहीं भारत में शुभांशु के साथ-साथ देशवासी भी इस मिशन के लौटने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। हालांकि इस बीच कुछ चिंता के बादल भी मंडरा रहे हैं।

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सुरक्षित वापसी से पहले मंडरा रहे चिंता के बादल

दरअसल मिशन की शुरुआत में पहले फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन लीक हुई थी फिर ड्रैगन कैप्सूल के सिस्टम में खराबी आई। वहीं इसके बाद मौसम ने भी मिशन को रोकने की कोशिश की। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2003 में स्पेस शटल कोलंबिया दुर्घटना का शिकार हो गया था जो मिशन पूरा होने से ठीक 15 मिनट पहले हुआ था। वहीं अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को भी तकनीकी कारणों से सुरक्षित वापसी के लिए महीनों तक इंतज़ार करना पड़ा था। इन्हीं कारणों से चिंता के बादल मंडरा रहे हैं।

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28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से आ रहा ड्रैगन कैप्सूल

शुभांशु शुक्ला का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन धरती की ओर फिलहाल 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रहा है। हालांकि जब यह बहुत करीब आ जाएगा, तो इसकी गति कम कर दी जाएगी। अगर कैप्सूल के तापमान की बात करें तो इसकी बाहरी सतह पर हीट शील्ड 2000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन कर रही है जो इसे धरती के वायुमंडल में प्रवेश के दौरान होने वाली अत्यधिक गर्मी से बचाता है।

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मौसम भी लैंडिंग के वक्त बढ़ा सकता है फिक्र

एजेंसी के मुताबिक इस मिशन की वापसी पर तकनीकी और मौसम से जुड़े कारण चुनौती पैदा कर सकते हैं। Axiom-4 मिशन के क्रू ड्रैगन कैप्सूल 'ग्रेस' में धरती पर लौट रहे हैं जो फ्लोरिडा तट के पास अटलांटिक महासागर में उतरेगा। इसे सॉफ्ट स्प्लैशडाउन कहा जाता है। इस क्षेत्र में तेज़ हवाएँ, बारिश या तूफान लैंडिंग के वक्त परेशानी बन सकते हैं जिससे मिशन की सुरक्षित वापसी पर असर पड़ सकता है।

फिलहाल पूरी दुनिया इस मिशन की सफल और सुरक्षित वापसी की कामना कर रही है। 

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