अमेरिकी आयोग ने भारत के CAA  नियमों पर जताया एतराज, FIIDS ने दिया करारा जवाब

Edited By Tanuja,Updated: 26 Mar, 2024 10:55 AM

uscirf concern over india s notification of rules to implement caa

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) को लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी...

न्यूयॉर्क: अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) को लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि किसी को भी धर्म या विश्वास के आधार पर नागरिकता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। विवादास्पद नागरिकता (संशोधन)अधिनियम, 2019 (CAA) के कार्यान्वयन के नियमों को इस महीने की शुरुआत में अधिसूचित किया गया था, जिससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दस्तावेज के बिना भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

 

USCIRF के आयुक्त स्टीफन श्नेक ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘समस्याग्रस्त सीएए पड़ोसी देशों से भागकर भारत में शरण लेने आए लोगों के लिए धार्मिक अनिवार्यता का प्रावधान स्थापित करता है।'' श्नेक ने कहा कि सीएए हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों के लिए त्वरित नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करता है, लेकिन इस कानून के दायरे से मुसलमानों को स्पष्ट रूप से बाहर रखा गया है। आलोचकों ने अधिनियम से मुसलमानों को बाहर रखने को लेकर सरकार पर सवाल उठाया है, लेकिन भारत ने अपने कदम का मजबूती से बचाव किया है। श्नेक ने अपने बयान में कहा, “अगर वास्तव में इस कानून का उद्देश्य उत्पीड़न झेलने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करना होता, तो इसमें बर्मा (म्यांमार) के रोहिंग्या मुसलमान, पाकिस्तान के अहमदिया मुसलमान या अफगानिस्तान के हजारा शिया समेत अन्य समुदाय भी शामिल होते। किसी को भी धर्म या विश्वास के आधार पर नागरिकता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।''

 

भारत के गृह मंत्रालय का कहना है कि इन देशों के मुसलमान भी मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस बीच, भारत और भारतीय समुदाय से संबंधित नीतियों का अध्ययन एवं विश्लेषण कर उनके बारे में जागरूकता फैलाने वाले ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज' (FIIDS) ने कहा कि CAA के ‘‘तथ्यात्मक विश्लेषण'' के अनुसार, इस प्रावधान का उद्देश्य भारत के तीन पड़ोसी इस्लामिक देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करना है।

 

उसने कहा, “गलतफहमियों के विपरीत, इसमें भारत में मुसलमानों को नागरिकता से वंचित करने या उनकी नागरिकता रद्द करने या उन्हें निर्वासित करने का प्रावधान नहीं है इसलिए, इसे ‘‘उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए शीघ्र नागरिकता अधिनियम'' कहना उचित होगाा। इसमें कहा गया है, ‘‘हमें भरोसा है कि यूएससीआईआरएफ, अन्य एजेंसियां और अन्य संस्थाएं सीएए पर इस जानकारी को उचित मानेंगी और यह समझेंगी कि सीएए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में यूएससीआईआरएफ द्वारा उठाई गई कुछ चिंताओं को सीधे तौर पर दूर करता है।''  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!