ईश्वरप्पा का दावा, लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक भाजपा इकाई के अध्यक्ष विजयेंद्र अपने पद से इस्तीफा देंगे

Edited By Parveen Kumar,Updated: 20 Mar, 2024 06:50 PM

vijayendra will resign from his post after lok sabha elections

पूर्व उप मुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा ने बुधवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कर्नाटक की भाजपा इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र अपना पद छोड़ देंगे।

नेशनल डेस्क : पूर्व उप मुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा ने बुधवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कर्नाटक की भाजपा इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र अपना पद छोड़ देंगे। ईश्वरप्पा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का केंद्रीय नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की जिद के आगे झुक गया और उनके बेटे विजयेंद्र को भाजपा का राज्य प्रमुख बना दिया।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि वह इस तरह के 'गैरजिम्मेदाराना' बयानों पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इसका जवाब केवल लोग ही देंगे। राज्य भाजपा के पूर्व प्रमुख ईश्वरप्पा ने कहा था कि वह शिवमोगा में येदियुरप्पा के बेटे और मौजूदा सांसद बी वाई राघवेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने आरोप लगाया था कि येदियुरप्पा ने उनके बेटे के ई कांतेश को पड़ोसी हावेरी क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिलाने का वादा किया था, लेकिन उन्हें धोखा दिया।

ईश्वरप्पा ने कहा, ''मुझे विश्वास है कि एक बार जब मैं चुनाव जीत जाऊंगा, तो विजयेंद्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे।'' ईश्वरप्पा ने दावा किया कि विजयेंद्र को भाजपा राज्य प्रमुख नियुक्त करने में छह महीने की देरी हुई। उन्होंने कहा, देरी क्यों हुई? केंद्रीय नेता इसके लिए तैयार नहीं थे। येदियुरप्पा की जिद के कारण उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।'' उन्होंने आश्चर्य जताया कि विजयपुरा के भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया, जबकि वह भी येदियुरप्पा की तरह लिंगायत समुदाय से हैं, जो कर्नाटक का एक प्रमुख समुदाय है।

ईश्वरप्पा ने कहा कि सी टी रवि ने गोवा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के लिए भाजपा प्रभारी के रूप में काम करने के वास्ते मंत्री पद छोड़ दिया, लेकिन उनके नाम पर भी इस पद के लिए विचार नहीं किया गया। ईश्वरप्पा ने कहा “येदियुरप्पा किसी को भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नहीं चाहते, चाहे वह लिंगायत हो, वोक्कालिगा हो या पिछड़ी जाति का कोई भी व्यक्ति हो। वह बस यही चाहते थे कि उनका बेटा यह पद संभाले। मैं उस प्रणाली के खिलाफ लड़ रहा हूं।” ईश्वरप्पा के आरोपों को खारिज करते हुए येदियुरप्पा ने राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं से कहा, “यह सभी जानते हैं कि विजयेंद्र के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद राज्य में पार्टी कैसे बढ़ी।

ईश्वरप्पा केवल इसलिए आरोप लगा रहे हैं क्योंकि उनके बेटे को टिकट नहीं मिला, जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के चयन पर निर्णय भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिया जाता है। येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ईश्वरप्पा अनावश्यक रूप से आरोप लगा रहे हैं कि मैंने उनके बेटे को टिकट नहीं दिया। मेरा मानना है कि दो या तीन दिनों में उन्हें एहसास हो जाएगा और वह ठीक हो जाएंगे।'' निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के ईश्वरप्पा के कदम पर येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने और पार्टी के नेताओं ने उनसे ऐसा निर्णय न लेने की अपील की है।

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