Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 10:05 PM
चावल चुराने के आरोप में केरल में भीड़ ने 27 साल के आदिवासी युवक की पीट पीट कर हत्या कर दी थी। केरल में चावल चुराने के आरोप में एक आदिवासी युवक पीट पीट कर की गई हत्या के मसले पर ट्वीट करके वीरेंद्र सहवाग एक बार फिर से विवाद में फंस सकते है। दरअसल...
नेशनल डेस्क: चावल चुराने के आरोप में केरल में भीड़ ने 27 साल के आदिवासी युवक की पीट पीट कर हत्या कर दी थी। केरल में चावल चुराने के आरोप में एक आदिवासी युवक पीट पीट कर की गई हत्या के मसले पर ट्वीट करके वीरेंद्र सहवाग एक बार फिर से विवाद में फंस सकते है। दरअसल सहवाग ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा है ‘मधु ने महज एक किलो चावल चुराया था। इस ही बात पर उबेद, हुसैन और अब्दुल की भीड़ ने उस गरीब आदिवासी को मार डाला। यह एक सभ्य समाज के लिए कलंक की तरह है। मुझे इस बात पर शर्म आती है कि ऐसा होने पर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा।'
एक समुदाय के 3 लोगों का नाम
सहवाग की इस ट्वीट एक ही समुदाय के तीन ओरोपियों का नाम लिखा गया है जबकि केरल पुलिस ने इस आरोप में जिन लोगों को नामजद किया है जिसमें अन्य संप्रदायों के लोग भी शामिल हैं। सहवाग के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया में लोगों ने उन पर इस मसले को मजहबी रंग देने का आरोप लगाया है।
यह था मामला
केरल की अट्टापडी नाम की जगह पर रहने वाले मधु नाम के आदिवासी युवक को लोगों ने चोरी के आरोप में हाथ-पैर बांधकर पीटा था जिसके बाद बाद उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में कई लोगों को लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन लोगों में सहवाग द्वारा लिखे गए नामों के अलावा मनु दोमादरन, जोनाथन जोसफ जैसे लोगों का नाम भी शामिल है।
पहले भी रहे विवादित
यह कोई पहला मौका नहीं है जब सहवाग ने इस तरह का विवादास्पद ट्वीट किया हो। इससे पहले भी वह शहीद सेनाधिकारी की बेटी गुरमेहर कौर का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट कर चुके है। इस ट्वीट के बाद भी उनकी काफी फजीहत हुई थी। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या सहवाग ने उनका ट्विटर हैंडल मैनेज करने वाले अमृतांशु नाम के शख्स की सलाह पर ही यह ट्वीट की गई है। अमृतांशु को राइट विंग की पार्टिंयों का करीबी भी माना जाता है।
सहवाग ने मांग ली माफी
जैसे ही इस मामले में लोगों ने सहवाग को घेरना शुरू किया। तो सहवाग बैकफूट पर आ गए। उन्होंने तुरंत अपनी गलती मांगते हुए ट्वीटर पर लोगों से माफी मांग ली। अपनी ट्वीट में उन्होंने कहा कि उनके पास जानकारी का अभाव था, जिसके कारण यह गलती हुई। हालांकि उनका उदृेश्य किसी संप्रदाय की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था।