हंदवाड़ा मुठभेड़ : भारत को कर्नल शर्मा सहित पांचों सुरक्षाकर्मियों पर गर्व है : जनरल नरवणे

Edited By Monika Jamwal,Updated: 04 May, 2020 06:43 PM

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थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सोमवार को कहा कि भारत को राष्ट्रीय राइफल की २१ वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा और चार अन्य सुरक्षाकर्मियों पर गर्व है जिन्होंने उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा के एक गांव में आम नागरिकों को आतंकवादियों...

 नयी दिल्ली: थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सोमवार को कहा कि भारत को राष्ट्रीय राइफल की २१ वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा और चार अन्य सुरक्षाकर्मियों पर गर्व है जिन्होंने उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा के एक गांव में आम नागरिकों को आतंकवादियों से बचाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारतीय सेना आतंकवाद और संघर्ष विराम उल्लंघन के सभी कृत्यों का करारा जवाब देगी। थल सेना प्रमुख ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा, च्च् हंदवाड़ा के एक गांव में आम नागरिकों को आतंकवादियों से बचाने के दौरान भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के पांच बहादुर अधिकारियों और जवानों को हमने खो दिया। मैं उन बहादुर जवानों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।"

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उन्होंने कहा कि देश को उन जवानों पर गर्व है, खासकर कमांडिंग आफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा पर, जिन्होंने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और सुनिश्चित किया कि आपरेशन के दौरान सहायकों का नुकसान नहीं हो। उस अभियान में कर्नल शर्मा के साथ ही मेजर अनुज सूद, नायक राजेश, लांस नायक दिनेश और जम्मू कश्मीर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर सगीर अहमद पठान उर्फ काजी शहीद हो गए। जनरल नरवणे ने कहा, " इस मौके पर अपने बहादुर जवानों के परिवारों से कहता हूं कि हमें, पूरी सेना को उनकी वीरता पर अति गर्व है और आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम इस अत्यंत कठिन समय में आपके साथ एकजुटता से खड़े हैं।" आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में कर्नल शर्मा की मृत्यु सेना के लिए एक बड़ी क्षति थी क्योंकि उन्होंने हाल के महीनों में घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ कई अभियानों का नेतृत्व किया था। उन्हें दो बार प्रतिष्ठित सेना पदक से भी सम्मानित किया गया था।

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पिछले साल अगस्त में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन किए जाने की कई घटनाएं हुई हैं। पाकिस्तान आतंकवादियों को भारत में धकेलने के लिए अक्सर संघर्ष विराम का उल्लंघन करता है। भारतीय जवानों ने भी पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब दिया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2011 में पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर में 3,200 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जो पिछले 16 वर्षों में सबसे अधिक था। इनमें से 1,565 घटनाएं अगस्त और दिसंबर के बीच हुयीं। वर्ष 2018 में, पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में 2,936 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।
 

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