RBI से मंजूरी के बाद ही शुरू करेंगे व्हाट्सऐप डिजिटल पेमेंट सर्विस, कंपनी ने कोर्ट से किया वादा

Edited By shukdev,Updated: 03 May, 2019 07:26 PM

whatsapp digital payment service company will begin after approval by rbi

तत्काल संदेश भेजने वाले ऐप व्हाट्सऐप ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह अपनी भुगतान सेवा का परीक्षण कर रहा है और पूर्ण सेवा शुरू करने से पहले डेटा स्थानीयकरण संबंधी रिजर्व बैंक के मानकों का पालन करेगा। व्हाट्सऐप ने बताया कि उसका यह परीक्षण...

नई दिल्ली: तत्काल संदेश भेजने वाले ऐप व्हाट्सऐप ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह अपनी भुगतान सेवा का परीक्षण कर रहा है और पूर्ण सेवा शुरू करने से पहले डेटा स्थानीयकरण संबंधी रिजर्व बैंक के मानकों का पालन करेगा। व्हाट्सऐप ने बताया कि उसका यह परीक्षण अभियान इस साल जुलाई के अंत तक पूरा होने की संभावना है। न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति विनीत सरण की पीठ के समक्ष व्हाट्सऐप ने यह जानकारी दी। पीठ गैर सरकारी संगठन सेन्टर फार एकाउन्टेबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेंज की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस संगठन का दावा है कि व्हाट्सऐप ने रिजर्व बैंक के सर्कुलर का पूरी तरह पालन नहीं किया है जिसमें डेटा के स्थानीयकरण का प्रावधान है।

अमेरिका स्थित फेसबुक के स्वामित्व वाले इस ऐप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अरविन्द दातार ने कहा कि वे सिर्फ परीक्षण कर रहे हैं जो जुलाई तक पूरा होने की संभावना है। वे रिजर्व बैंक के मानकों का पूरी तरह से पालन किए बगैर भुगतान सेवा शुरू नहीं करेंगे। गैर सरकारी संगठन की ओर से अधिवक्ता विराग गुप्ता ने कहा कि व्हाट्सऐप को दस लाख उपभोक्ताओं के साथ भुगतान सेवा का परीक्षण शुरू करने की इजाजत दी गई है। उन्होंने रिजर्व बैंक के छह अप्रैल, 2018 के सर्कुलर का जिक्र करते हुए कहा कि उपभेक्ताओं का परीक्षण डेटा भी भारत के बाहर रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह नेशनल पेमेन्ट कार्पोरेशंस आफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा व्हाट्सऐप को दी गई अनुमति का उल्लंघन हो सकता है।

सिब्बल ने कहा कि व्हाट्सऐप और एनपीसीआई के बीच अभी तक कोई औपचारिक करार नहीं हुआ है। केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि व्हाट्सऐप डेटा स्थानीयकरण के मानकों का पालन नहीं कर रहा है। यह भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से दाखिल हलफनामे से भी स्पष्ट है। इस पर, पीठ ने टिप्पणी की कि यदि भारतीय रिजर्व बैंक के मानकों का व्हाट्सऐप पालन नहीं कर रहा है तो इसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। पीठ ने कहा, चिंता मत कीजिए हमारे हाथ बहुत लंबे हैं। वे कानून से बच नहीं सकते। पीठ ने कहा कि इस मामले में विस्तार से विचार की आवश्यकता है, इसलिए इसे जुलाई में सूचीबद्ध किया जा रहा है।

शीर्ष अदालत ने गैर सरकारी संगठन की याचिका पर एक फरवरी को भारतीय रिजर्व बैंक से जवाब मांगा था। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 14 जनवरी को गैर सरकारी संगठन को इस मामले में रिजर्व बैंक को भी पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी थी। गैर सरकारी संगठन ने अपनी याचिका में व्हाट्सऐप को रिजर्व बैंक के मानकों का पूरी तरह पालन किए बगैर ही अपनी भुगतान सेवा के क्षेत्र में आगे बढऩे से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

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