Edited By Monika Jamwal,Updated: 07 Aug, 2020 12:42 AM
श्रीनगर: पांच अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू कश्मीर में एक बड़ा फैसला लिया। इससको लेकर पाकिस्तान और कई मानवाधिकार संगठनों में हाय तौबा मच गई।
श्रीनगर: पांच अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू कश्मीर में एक बड़ा फैसला लिया। इससको लेकर पाकिस्तान और कई मानवाधिकार संगठनों में हाय तौबा मच गई। पाकिस्तान जो दुहाई कष्मीर के लिए दे रहा था वहीं कारनामा वो गिलगित बाल्टीस्तान के लिए कर चुका था पर कश्मीर से उसका प्रेम तो कुछ और ही है। भारत का यह कदम यूं ही नहीं था। कश्मीर का स्टेटस बदलने के पीछे बड़ी वजह रही है आतंकवाद। पाकिस्तान में पनपने वाले आतंकवाद ने भारत और कश्मीर में कई बार तबाही मचाई है।
क्श्मीर पर भारत के कब्जे से यकीनन सुरक्षा बेहत्तर होगी और आतंकवाद की कमर भी टूटेगी। 2019 में पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों ने 135 बार घुसपैंठ की। इसमें 57 बार धारा 370 अूटने से पहले और 78 बार पांच अगस्त के बाद। अबकी बात करे तो इस वर्ष महज 33 बार आतंकी सफल हो पाए हैं। यानि कि 40 प्रतिशत कमी आई है। कष्मीर में आतंकियोें की भर्ती में भी कमी आई है। पाकिस्तान के पीएम धारा 370 की वर्षगांठ का विरोध कर रहे हैं। वह धाारा 370 को समाप्त करने के कदम को असंवैधानिक और लोकतंत्र का हनन करार दे रहे हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान का पत्रकार अगर कह दे भारत अधिकृत कश्मीर तो उसकी नौकरी खतरे में पड़ जाए क्योंकि उसे कहना होता है गैरकानूनी तरीके से भारत अधिकृत कश्मीर। ऐसा लगता है कि इमरान खान अपने लोगों का ध्यान अपनी नाकामियों से हटाकर भारत की तरफ लगाना चाहते हैं।