जरूरत पड़ी तो दिल्ली नगर निगमों के विलय संबंधी विधेयक को अदालत में चुनौती देंगे: केजरीवाल

Edited By rajesh kumar,Updated: 26 Mar, 2022 05:14 PM

will challenge merger bill of delhi municipal corporations court if needed

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि वह शहर के तीनों नगर निगमों को एकीकृत करने के लिए संसद में पेश किए गए विधेयक का अध्ययन करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो इसे अदालत में चुनौती देंगे।

नेशनल डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि वह शहर के तीनों नगर निगमों को एकीकृत करने के लिए संसद में पेश किए गए विधेयक का अध्ययन करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो इसे अदालत में चुनौती देंगे। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली का बजट पेश करने के बाद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह कहा।

वर्तमान में दिल्ली में तीन नगर निगम - उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) हैं, जिनमें कुल 272 वार्ड हैं। एनडीएमसी और एसडीएमसी, प्रत्येक में 104 वार्ड हैं, जबकि ईडीएमसी में 64 वार्ड हैं। राष्ट्रीय राजधानी में तीनों नगर निगमों का आपस में विलय कर उन्हें एक एकीकृत इकाई बनाने संबंधी विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के इन दावों के बीच पेश किया गया कि यह कदम संसद की विधायी क्षमता से परे है।

वार्ड की संख्या कम करने का क्या मतलब?
विधेयक में कुल वार्ड की संख्या 272 से घटाकर 250 करने का भी प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एमसीडी विधेयक केवल (नगर निगम) चुनाव में देरी करने की मंशा से लाया गया है। वार्ड की संख्या कम करने का क्या मतलब है। हम विधेयक का अध्ययन करेंगे और जरूरत पड़ने पर इसे अदालत में चुनौती देंगे।''

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