Edited By vasudha,Updated: 12 May, 2019 01:56 PM
हमारे प्रधानमंत्री का पसंदीदा भोजन खिचड़ी है। वह भारत ही नहीं विदेश दौरों पर भी खिचड़ी खाना पसंद करते हैं। दिलचस्प ढंग से 5 चरण का चुनाव बीत जाने के बाद लोकसभा की जो तस्वीर सामने आ रही है वह भी खिचड़ी वाली है...
इलेक्शन डेस्क (संजीव शर्मा): हमारे प्रधानमंत्री का पसंदीदा भोजन खिचड़ी है। वह भारत ही नहीं विदेश दौरों पर भी खिचड़ी खाना पसंद करते हैं। दिलचस्प ढंग से 5 चरण का चुनाव बीत जाने के बाद लोकसभा की जो तस्वीर सामने आ रही है वह भी खिचड़ी वाली है। अब मोदी क्या इसे पसंद करेंगे या नहीं, यह अलग सवाल है लेकिन जाहिर है कि सियासत में खिचड़ी वाली स्थितियां कई समीकरणों को जन्म देती हैं। खासकर क्षेत्रीय दलों की भूमिका एकाएक महत्वपूर्ण हो जाती है और यह होने भी लगा है। हाल ही में आए विभिन्न नेताओं के बयानों जिनमेें भाजपा के लोग भी शामिल हैं, से संकेत मिल रहे हैं कि इस बार सरकार भाजपा की नहीं बल्कि एन.डी.ए. की होगी। यहां तक कि नए साथी भी बन-बिगड़ सकते हैं। उधर गैर-एनडीए दलों ने नतीजों से पहले दिल्ली में बैठक बुलाकर इस मामले को और रोचक बना दिया है तो आज चर्चा इन्हीं समीकरणों की।
माधव के बयान से शुरू मंथन
पीएम नरेन्द्र मोदी और अमित शाह अभी भी भाजपा के बहुमत पाने की बात कर रहे हैं लेकिन इसी बीच भाजपा के महासचिव राम माधव के एक बयान ने बखेड़ा खड़ा कर डाला है। एक टीवी चैनल से बातचीत में राम माधव ने माना कि भाजपा बहुमत से दूर रह सकती है और सरकार बनाने के लिए सहयोगियों की जरूरत पड़ेगी। हालांकि उन्होंने भाजपा का कोई सीट आंकड़ा नहीं दिया तथापि उनका यह बयान ही कम महत्वपूर्ण नहीं है। राम माधव आरएसएस के भी प्रवक्ता रहे हैं और भाजपा का रिमोट आरएसएस के पास है, यह भी जगजाहिर है। ऐसे में माना जा रहा है कि माधव का बयान आरएसएस का ही आकलन है और आकलन करने में आरएसएस बड़ा महीन काम करता है। दिलचस्प ढंग से राम माधव ने इस बयान को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यानी यह भी नहीं कहा कि तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया या गलत अर्थ लगाया गया।
स्वामी ने भी दिया था बयान
माधव से पहले सुब्रह्यमण्यम स्वामी ने भी कहा था कि भाजपा को बहुमत नहीं मिलेगा। भाजपा नेता ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर बालाकोट एयर स्ट्राइक नहीं होती तो भाजपा को 160 से अधिक सीटें नहीं मिलतीं। हालांकि बालाकोट के बाद भी वह भाजपा को 230 से अधिक सीटें नहीं दे रहे। स्वामी अक्सर सनसनीखेज बयान देने के लिए मशहूर हैं। ऐसे में जब उन्होंने यह बयान दिया था तो इसे हल्के में लिया गया। यहां तक कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसे स्वामी का निजी आकलन बताया था लेकिन राम माधव के बयान पर उनकी भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। ऐसे में अब लोग माधव और स्वामी के बयानों को एक साथ जोड़कर देख रहे हैं।
शुरू हो गए सहयोगी भी
भाजपा के अपने नेताओं ने कमतर रहने का अंदेशा/संकेत क्या दिया एन.डी.ए. के सहयोगी भी शुरू हो गए। शिवसेना ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया। शिवसेना नेता संजय राऊत ने न सिर्फ माधव की बात का समर्थन किया बल्कि यहां तक कह दिया कि अगर मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें खुशी होगी। जाहिर है अब इसके भी कई अर्थ लगाए जा रहे हैं। उधर बिहार में भाजपा की प्रमुख सहयोगी जदयू ने तो मोदी की बजाय नीतीश को प्रधानमंत्री बनाए जाने की बात तक कह दी। जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि इस बार के चुनाव में पी.एम. मोदी को बहुमत नहीं मिल रहा है इसलिए अब नीतीश कुमार को पी.एम. उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए। हालांकि जदयू अब इसे दबाने में लगी हुई है लेकिन बात तो निकल ही गई है।
क्या कहते हैं चुनाव सर्वेक्षण?
सर्वे तिथि एजैंसी एन.डी.ए. यू.पी.ए. अन्य लीड बहुमत
8 अप्रैल 2019 टाइम्स नाउ-वी.एम.आर. 279 149 115 130 7
6 अप्रैल, 2019 इंडिया टी.वी.-सी.एन.एक्स. 275 126 142 149 3
मार्च 2019 टाइम्स नाउ-वी.एम.आर. 283 135 125 148 11
मार्च 2019 न्यूज नेशन 270 134 139 131 त्रिशंकु
मार्च 2019 रिपब्लिक टी.वी.-सी वोटर 264 141 138 123 त्रिशंकु
मार्च 2019 इंडिया टी.वी. सी.एन.एक्स. 285 126 132 159 13
मार्च 2019 जी 24 तास 264 165 114 99 त्रिशंकु
फरवरी 2019 वी.डी.पी. एसोसिएट्स 242 148 153 94 त्रिशंकु
जनवरी 2019 टाइम्स नाउ-वी.एम.आर. 252 147 144 105 त्रिशंकु
जनवरी 2019 ए.बी.पी. न्यूज़-सी वोटर 233 167 143 66 त्रिशंकु
जनवरी 2019 इंडिया टुडे कार्वी 237 166 140 67 त्रिशंकु
जनवरी 2019 वी.डी.पी. एसोसिएट्स 225 167 150 58 त्रिशंकु