XBB 1.16 कोविड मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन चिंताजनक नहीं: AIIMS के पूर्व निदेशक

Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Mar, 2023 08:50 PM

xbb 1 16 may be responsible for rise in covid cases guleria

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप एक्सबीबी.1.16 इस समय संक्रमण के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि...

 

नेशनल डेस्क: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप एक्सबीबी.1.16 इस समय संक्रमण के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे गंभीर बीमारी या मृत्यु का खतरा नहीं है। गुलेरिया ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘नये स्वरूप आते रहेंगे क्योंकि समय के साथ वायरस का उत्परिवर्तन होता रहता है और एक्सबीबी.1.16 एक तरह से इस समूह का नया सदस्य है।''

कोविड के हालातों पर समीक्षा बैठक 
राष्ट्रीय कोविड कार्यबल के सदस्य रहे गुलेरिया ने कहा, ‘‘जब तक वायरस के इन स्वरूपों से गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति और मृत्यु का खतरा नहीं है, तब तक ठीक है क्योंकि आबादी को हल्की बीमारी से कुछ हद तक प्रतिरोधक क्षमता मिलती है।'' जानेमाने चिकित्सक गुलेरिया ने यह बात ऐसे समय में की है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड के हालात की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।

देश में आज 1,134 नए मामले सामने आए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार के आंकड़े के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के 1,134 नए मामले सामने आए जो पिछले 138 दिन में सर्वाधिक हैं, वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 7,026 हो गयी। डॉ गुलेरिया के अनुसार वायरस समय के साथ बदलता है और यह कोविड तथा इन्फ्लुएंजा दोनों के साथ ही होता है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम याद करें कि जब कोविड का प्रकोप शुरू हुआ था तो यह अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमीक्रोन स्वरूपों के साथ हुआ था।''

गुलेरिया ने कहा, ‘‘इस तरह वायरस बदलता गया। सौभाग्य से, हम पिछले एक साल पर नजर डालें तो ऐसे स्वरूप सामने आए जो ओमीक्रोन के ही उप-स्वरूप हैं। इसलिए लगता है कि वायरस कुछ हद तक स्थिर हो गया है और अतीत की तरह तेजी से नहीं बदल रहा।'' क्या नये स्वरूप एक्सबीबी.1.16 में अगले कुछ दिन में कोविड के मामलों की नई लहर लाने की क्षमता है, इस प्रश्न पर गुलेरिया ने कहा, ‘‘आप मामलों में वृद्धि देख सकते हैं। लेकिन हो सकता है कि ये सामने ही नहीं आएं क्योंकि शुरु में लोग बहुत सतर्क थे और खुद जाकर जांच कराते थे।''

अधिकतर लोग जांच नहीं करा रहे
उन्होंने कहा, ‘‘अब बुखार-सर्दी-खांसी के लक्षणों के बाद भी अधिकतर लोग जांच नहीं करा रहे। कुछ लोग रैपिड एंटीजन जांच करा लेते हैं और संक्रमण की पुष्टि होने के बाद भी वे इसके बारे में नहीं बताते।'' डॉ गुलेरिया ने सलाह दी है कि जांच में पॉजिटिव आने वाले लोगों को जानकारी देनी चाहिए जिससे नीति निर्माताओं और सरकार को मामलों की वास्तविक संख्या जानने में और उस हिसाब से रणनीति बनाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए अगर हम मामलों में बढ़ोतरी देखें, तब भी चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि जब तक अस्पताल में भर्ती कराने की स्थिति तथा मृत्यु की आशंका का जोखिम नहीं है, तब तक सही है।''

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