भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से बाबा रामदेव ने मांगी माफी, जजों ने कही ये बात

Edited By Radhika,Updated: 02 Apr, 2024 01:37 PM

baba ramdev apologized to supreme court in misleading advertisement case

सुप्रीम कोर्ट में आज योग गुरु रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण "भ्रामक विज्ञापनों" को कोर्ट में पेश होंगे। इससे पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने दोनों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करते हुए कड़ी फटकार लगाई थी।

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट में आज योग गुरु रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण "भ्रामक विज्ञापनों" को कोर्ट में पेश होंगे। इससे पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने दोनों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करते हुए कड़ी फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव से कहा, "कार्रवाई के लिए तैयार रहें। "इसी संबंध में आज दोनों को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होने के आदेश हैं। सुनवाई के बाद, अदालत में बिना शर्त माफीनामा दाखिल किया गया, जिसमें कहा गया कि पतंजलि का इरादा केवल इस देश के नागरिकों को अपने उत्पादों का उपयोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना था।

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इससे पहले 21 नवंबर 2023 को सुप्रीमकोर्ट को आशवासन दिया था कि वह किसी भी कानून की अवहेलना नहीं करेगी। कंपनी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ को यह भी विश्वास दिलाया था कि “औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाला या चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई भी लापरवाही भरा बयान किसी भी रूप में मीडिया में जारी नहीं किया जाएगा।”


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अदालत में पेशी के दौरान रामदेव के वकील का बयान-

रामदेव और बालकृष्ण आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। अदालत में सुनवाई के दौरान रामदेव के वकील ने हम भ्रामक एड के खिलाफ माफी मांगते हैं। अदालत के आदेश पर योग गुरु खुद पेश हुए हैं। बाबा रामदेव के वकील ने कहा, 'हम इस अदालत से भाग नहीं रहे हैं। क्या मैं यह कुछ पैराग्राफ पढ़ सकता हूं? क्या मैं हाथ जोड़कर यह कह सकता हूं कि जेंटलमेन खुद अदालत में मौजूद हैं और अदालत उनकी माफी को दर्ज कर सकती है।' इस केस पर हुई सुनवाई के दौरान वकील ने बताया कि इन भ्रामक विज्ञापनों को लेकर हमारे मीडिया डिपार्टमेंट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं थी। इस पर बेंच में शामिल जस्टिस अमानुल्लाह और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि यह मानना मुश्किल है कि आपको इसकी जानकारी नहीं थी।

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उच्चतम न्यायालय ने जताई नाराज़गी-

उच्चतम न्यायालय ने प्रबंध निदेशक के बयान को भी खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने मंगलवार को कहा, ‘‘केवल उच्चतम न्यायालय ही नहीं, इस देश की सभी अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए... यह पूरी तरह से अवज्ञा है।'' पीठ ने अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए रामदेव और बालकृष्ण से कहा, ‘‘आपको न्यायालय में दिए गए वचन का पालन करना होगा, आपने हर सीमा तोड़ी है।'' अदालत ने इस बात पर हैरत जताई कि जब ‘‘पतंजलि कंपनी पूरे जोर-शोर से यह कह रही थी कि एलोपैथी में कोविड का कोई इलाज नहीं है तब केंद्र ने अपनी आंखें बंद क्यों रखीं।''

न्यायालय ने कहा था कि उसे रामदेव को ‘कारण बताओ' नोटिस जारी करना उपयुक्त लगता है क्योंकि पतंजलि द्वारा जारी विज्ञापन 21 नवंबर, 2023 को अदालत में दिए गए हलफनामे का विषय हैं। इसने कहा कि ऐसा लगता है कि रामदेव ने इसका समर्थन किया था। पीठ ने कहा, ‘‘क्या दोनों उपस्थित है?''

 

 

 

 

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