Edited By ,Updated: 24 Oct, 2016 11:57 AM
दिल्ली में कूड़ा कचरा डालने के लिए निर्धारित तीन स्थानों के निकट ‘कुतुब मीनार की तरह’ ऊंचे कूड़े के अंबार की ‘चिंताजनक’ स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पिछले दिनों आड़े हाथ लिया था।
नई दिल्ली: दिल्ली में कूड़ा कचरा डालने के लिए निर्धारित तीन स्थानों के निकट ‘कुतुब मीनार की तरह’ ऊंचे कूड़े के अंबार की ‘चिंताजनक’ स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पिछले दिनों आड़े हाथ लिया था। कोर्ट ने कहा कि इतनी अधिक मात्रा में कचरे के निस्तारण के लिये वह कुछ अधिक नहीं कर रही है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने दिल्ली में सत्तारूढ आम आदमी पाटी के विधायकों से कहा कि कूड़े के निस्तारण के लिए वे जनता में जागरूकता पैदा करें। कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने MCDs को जिम्मा सौंपा है कि कचरे को इकट्ठा करें और इसके निपटान के लिए जल्द से जल्द कड़े कदम उठाए जाए।
वहीं केजरीवाल ने कहा कि हालांकि सफाई का काम MCDs का न कि दिल्ली सरकार का। हालांकि इससे निपटने के लिए एक कार्य दल बनाया गया है। इसमें दिल्ली नगर निगम आयुक्तों के अतिरिक्त मंत्री सत्येंद्र जैन, इमरान हुसैन औऱ कपिल मिश्रा भी शामिल होंगे। शनिवार सुबह को इस संबंधी दिल्ली कैबिनेट द्वारा निर्णय लिए गए। केजरीवाल ने कहा कि यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है और सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए हरसंभव मदद करेगी।
कूड़ा कचरा से निपटने के लिए बनाए गए कार्य दल को 10 नवंबर तक कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है कि इस समस्या को किस हद तक निपटाया गया है। बता दें कि कोर्ट ने इस मुद्द पर कहा था कि कूडा एकत्र करने के निर्धारित स्थानों पर 45 मीटर से ऊंचे कचरे के अंबार लगे हैं। ये ऊंचाई में कुतुब मीनार की तरह हैं। कुतुब मीनार की ऊंचाई तो 73 मीटर है और कूडे के ये ढेर उसकी आधी ऊंचाई से अधिक हैं। यह चिंताजनक स्थिति है। इससे कौन निबटने जा रहा है? सरकार को इस समस्या से निपटना होगा।’’