Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jan, 2019 12:19 PM
संपत्ति के बदले लोन (एलएपी) एक सुरक्षित लोन है जिसे कई जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया जाता है। लोग व्यवसाय से संबंधित जरूरतों के लिए, बच्चे की शिक्षा के लिए, इलाज के आपात स्थिति के लिए, शादी या किसी अन्य व्यक्तिगत जरूरतों के लिए लोग लोन लेते हैं।
नई दिल्लीः संपत्ति के बदले लोन (एलएपी) एक सुरक्षित लोन है जिसे कई जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया जाता है। लोग व्यवसाय से संबंधित जरूरतों के लिए, बच्चे की शिक्षा के लिए, इलाज के आपात स्थिति के लिए, शादी या किसी अन्य व्यक्तिगत जरूरतों के लिए लोग लोन लेते हैं। इन लोन को कई बैंकों की ओर से संपत्तियों के बदले दिया जाता है। हालांकि, बैंक अन्य लोन की तुलना में संपत्ति के बदले ज्यादा लोन देते हैं। अगर आप भी संपत्ति के बदले लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो कुछ जरूरी बातों का ख्याल जरूर करें।
लोन देने से पहले बैंक व्यक्ति के कुछ रिकॉर्ड जैसे कि पेमेंट-ट्रैक रिकॉर्ड और व्यक्ति की रीपेमेंट हिस्ट्री को देखते हैं। हालांकि अगर आपके पास, पहले से लोन हैं या कुछ देनदारियां हैं तो दूसरे लोन के लिए आपकी पात्रता और कम हो जाती है। बैंक से मिलने वाला लोन 15 वर्षों के लिए होता है। इस लोन के लिए कागजात का भी बहुत झंझट नहीं होता। हालांकि, आपने जो संपत्ति ली है अगर उससे जुड़ा कोई विवाद है या संपत्ति के मालिकाना हक को लेकर कागजात ठीक नहीं हैं तो बैंक आपके लोन अनुरोध को स्वीकार नहीं करते हैं।
संपत्ति के बाजार मूल्य के 50-60% तक आम तौर पर लोन (एलटीवी) अनुपात प्रतिबंधित है। लोन 5 लाख रुपए से 500 करोड़ रुपए तक हो सकता है और कार्यकाल 20 साल तक हो सकता है। हालांकि, एलएपी पर कोई टैक्स का फायदा नहीं मिलता है।