Edited By Pardeep,Updated: 09 Aug, 2023 10:06 PM
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में राज्य सरकार जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में है वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्ग द्वारा 21 प्रतिशत आरक्षण को 27 प्रतिशत करने एवं मूल ओबीसी के लिए छह प्रतिशत आरक्षण रिजर्व करने की मांग का...
जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में राज्य सरकार जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में है वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्ग द्वारा 21 प्रतिशत आरक्षण को 27 प्रतिशत करने एवं मूल ओबीसी के लिए छह प्रतिशत आरक्षण रिजर्व करने की मांग का परीक्षण कराया जाएगा। गहलोत बुधवार को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर हुए विश्व आदिवासी दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
आरक्षण संबंधी विसंगतियों पर सरकार गंभीर
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान में जातिगत जनगणना करवाने के पक्ष में है। सरकार की यह मंशा है कि इसके आधार पर जिसका जितना हक है, उसको उतना हक मिले। उन्होंने कहा कि आरक्षण संबंधी विसंगतियों पर सरकार गंभीर है और प्रदेश में ओबीसी आरक्षण संबंधी विसंगतियों को दूर करने के लिए सरकार निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग द्वारा 21 प्रतिशत आरक्षण को 27 प्रतिशत करने तथा मूल ओबीसी के लिए छह प्रतिशत आरक्षण रिजर्व करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है। इसका परीक्षण करवाया जाएगा।
ओबीसी वर्ग में अति पिछड़ी जातियों की पहचान के लिए ओबीसी आयोग द्वारा सर्वे किया जाएगा एवं आयोग समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट देगा। इससे अति पिछड़ी जातियों को शिक्षा एवं सरकारी क्षेत्र में सेवा के अधिक मौके मिल सकेंगे। SC-ST के विभिन्न संगठन भी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग लगातार कर रहे हैं। सरकार इस मांग का भी परीक्षण करवा रही है। EWS वर्ग के 10% आरक्षण में राजस्थान सरकार ने अचल संपत्ति की शर्त को हटाया था जिससे इस वर्ग को भी आरक्षण का लाभ पूरी तरह मिलना सुनिश्चित हो सका।
आदिवासियों की भागीदारी, सम्मान एवं सुरक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धः गहलोत
अशोक गहलोत ने आदिवासियों की भागीदारी, सम्मान एवं सुरक्षा के लिए प्रदेश सकार को प्रतिबद्ध बताते हुए कहा है कि आज विश्व आदिवासी दिवस पर हमें इनके उत्थान के लिए अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर गहलोत ने बुधवार को सोशल मीडिया पर अपना वीडियो जारी कर यह बात कही। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि राजस्थान में आदिवासी दिवस व्यापक स्तर पर मनाया जाता है। आदिवासियों का प्रकृति प्रेम, वे प्रकृति के पूजक रहे है, आदिवासियों ने जल, जमीन और जंगल की रक्षा करने में बलिदान दिए है।
पांच आदिवासी भाई राज्य मंत्रिमंडल में मेरे साथीः गहलोत
आदिवासियों में जो महापुरुष हुए है उनमें भगवान बिरसा मुंडा, मावजी महाराज, संत गोविंद गुरु, नाना भाई खाट, भीखा भाई भील या काली बाई हो इनके बलिदान को समाज भूल नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि पांच आदिवासी भाई राज्य मंत्रिमंडल में मेरे साथी है और उनके पास विभिन्न महत्वपूर्ण विभाग हैं और वे पूरी तरह समर्पित होकर काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नौ अगस्त को अवकाश रखा है ताकि लोग आदिवासी समाज के महत्व को समझ सके, उनके उत्थान के लिए काम करने की सोच पैदा कर सके यह समझकर इस दिन यह छुट्टी रखी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौ अगस्त को ही शुरु हुआ था अंगेजों भारत छोड़ों और उसके बाद देश को आजादी मिली। उन्होंने कहा कि उस दौरान मानगढ़ की पहाड़यिों पर संत गोविंद गुरु के नेत़ृत्व में एक हजार से अधिक आदिवासी शहीद हो गए, उसे देश और समाज कभी भूल नहीं सकता। उन्होंने बताया कि आदिवासी समाज के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने अनेक कार्य किए हैं।