लक्ष्मी विलास बैंक ने प्रबंध निदेशक, सीईओ पद के लिये तीन नाम छांटे, आरबीआई को भेजेगा

Edited By PTI News Agency,Updated: 30 Sep, 2020 11:23 PM

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नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) की निदेशकों की समिति (सीओडी) ने प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पद के लिये तीन उम्मीदवारों को छांटा है और उन नामों को एक सप्ताह के भीतर रिजर्व बैंक के पास भेज...

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) की निदेशकों की समिति (सीओडी) ने प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पद के लिये तीन उम्मीदवारों को छांटा है और उन नामों को एक सप्ताह के भीतर रिजर्व बैंक के पास भेज दिया जायेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि बैंक के शेयरधारकों ने हाल में सीईओ और छह अन्य निदेशकों को बर्खास्त कर दिया था।

उसके बाद रिजर्व बैंक ने निदेशकों की तीन सदस्यीय समिति बनायी है। समिति में स्वतंत्र निदेशक मीता मखन, शक्ति सिन्हा और सतीश कुमार कालरा हैं।

सिन्हा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘बैंक बिना प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के काम नहीं कर सकता है.... बैंक ने पद के लिये साक्षात्कार लिये और तीन उम्मीदवारों का चयन किया है। हम एक सप्ताह के भीतर अपनी सिफारिशें रिजर्व बैंक को भेजेंगे।’’
उन्होंने कहा कि तीनों उम्मीदवार निजी क्षेत्र से हैं। सिन्हा ने कहा कि सीओडी बैंक को एक प्रशासक के रूप में चला रही है और काकमकाज में पूरी पारदर्शिता है।

यह पूछे जाने पर कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे शेयरधारकों ने इस प्रकार का कदम उठाया, उन्होंने कहा कि स्पष्ट तौर पर उन निदेशकों पर भरोसा नहीं रह गया था और उन्हें हटाने के लिये मतदान किया गया।

बैंक पिछले कुछ साल से पूंजी जुटाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन सफल नहीं हुआ। गैर-बैंकिंग वित्ततीय कंपनी इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में विलय के प्रस्ताव को आरबीआई ने 2019 में खारिज कर दिया।

बैंक की समस्या उस समय शुरू हुई जब उसने एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) के बजाए बड़ी कंपनियों पर ध्यान देना शुरू किया। बैंक ने फार्मा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक मलविन्दर सिंह और शिविन्दर सिंह की निवेश इकाई को 720 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। यह कर्ज 2016 के अंत और 2017 की शुरूआत में 794 करोड़ रुपये की मियादी जमा पर दिया गया। यहीं से बैंक की समस्या शुरू हुई।

पिछले सप्ताह, दिल्ली पुलिस ने लक्ष्मी विलास बैंक के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। उन पर कथित रूप से रेलिगेयर फिनवेस्ट लि. के 729 करोड़ रुपये की मियादी जमा की रसीद के कथित रूप से दुरूपयोग का आरोप है।

आरबीआई ने सितंबर 2019 में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बढ़ने के साथ बैंक को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के अंतर्गत रखा।
वित्त वर्ष 2019-20 में एलवीबी को 836.04 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जो 2018-19 में 894.09 करोड़ रुपये था।



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