विज्ञान संबंधी प्रकाशन के मामले में चीन और अमेरिका के बाद तीसरे पायदान पर भारत: डीएसटी

Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Jan, 2021 03:23 PM

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नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) भारत में बीते एक दशक में विज्ञान संबंधी प्रकाशन के मामले में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है और वह चीन तथा अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) भारत में बीते एक दशक में विज्ञान संबंधी प्रकाशन के मामले में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है और वह चीन तथा अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि 2017-18 में 13,045 पेटेंट (अधिकार पत्र) दिये गए, जिनमें से लगभग 1,937 पेटेंट भारतीयों को मिले।

विभाग ने कहा कि इस अवधि के दौरान भारतीयों द्वारा भारतीय पेटेंट कार्यालय में अधिकार पत्र के लिये कुल 15,550 अर्जियां दी गईं। इनमें से 65 प्रतिशत महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली से थीं।

डीएटी ने कहा कि भारत में अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में राष्ट्रीय निवेश को 2017-18 के 1,13,825 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2018-19 में 1,23,847 करोड़ रुपये किया गया।
डीएसटी ने कहा, ''भारत में विज्ञान संबंधी प्रकाशन के मामले में बीते 10 साल में जबरदस्त वृद्धि हुई है। अमेरिकी एजेंसी नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएफएस) के आंकड़ों के अनुसार भारत, चीन और अमेरिका के बाद तीसरे पायदान पर है। भारत में साल 2018 में 1,35,788 विज्ञान संबंधी लेख प्रकाशित किये गए।''


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