Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Feb, 2021 08:50 PM
नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि आरोपी का संबंध अपराध से जोड़ने के लिए प्रत्यक्ष साक्ष्य के अभाव वाले मामलों में, दोष साबित करने के निष्कर्ष तक पहुंचने वाली परिस्थितियां पूरी तरह से साबित की जाएं और घटनाओं की...
नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि आरोपी का संबंध अपराध से जोड़ने के लिए प्रत्यक्ष साक्ष्य के अभाव वाले मामलों में, दोष साबित करने के निष्कर्ष तक पहुंचने वाली परिस्थितियां पूरी तरह से साबित की जाएं और घटनाओं की कड़ी में कोई अंतराल नहीं छूटे।
शीर्ष न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ दोषी की अपील खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। साथ ही, अपनी टिप्पणी से जुड़े कई फैसलों का जिक्र भी किया।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 28 अक्टूबर 2005 को दोषी को अपनी गर्भवती पत्नी की हत्या करने के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
शीर्ष न्यायालय को इन कानूनी दलीलों का सामना करना पड़ा कि यह मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था और दोषी को हत्या से जोड़ने वाली घटनाओं की कड़ी में अंतराल (गैप) था।
इस घटना के तहत आर दामोदरन (दोषी) ने शराब के नशे में अपनी पत्नी निर्मला मेरी को डंडे से पीटा था, जिससे उसे अंदरूनी चोट लगी थी और वह खुद ही उसे एक अस्पताल ले गया और दावा किया कि उसे (निर्मला को) दिल का दौड़ा पड़ा था।
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