Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Jun, 2021 11:36 PM
नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) नर्सिंग कर्मियों से काम के दौरान मलयालम में बात न करने संबंधी एक अस्पताल के परिपत्र पर दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा ने रविवार को कहा कि यह विडंबना ही थी कि उसने कोविड संकट के दौरान केरल से ऑक्सीजन देने का...
नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) नर्सिंग कर्मियों से काम के दौरान मलयालम में बात न करने संबंधी एक अस्पताल के परिपत्र पर दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा ने रविवार को कहा कि यह विडंबना ही थी कि उसने कोविड संकट के दौरान केरल से ऑक्सीजन देने का अनुरोध किया और अब उसके लोगों के एक-दूसरे से अपनी भाषा में बात करने के अधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित जी बी पंत अस्पताल अब अपने उस आदेश को रद्द कर दिया है और उसने अपने पूर्व के आदेश पर विवाद के बाद मामले में सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है। भाजपा प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा, “हड़बड़ी में आदेश को वापस लेना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि हमारे यहां अराजकतावादी राज्य सरकार है, जिसके लिये भारत का संविधान और उसकी मान्य भाषाएं कोई मायने नहीं रखतीं।”
उन्होंने कहा, “यह विडंबना है कि जब इस सरकार को ऑक्सीजन की जरूरत थी तो केरल से अनुरोध किया गया और अब उनसे आपस में अपनी ही भाषा मलयालम में बात करने के अधिकार को छीनने की कोशिश की जा रही है।”
उन्होंने कहा कि वैश्विक रूप से सबसे ज्यादा संख्या में नर्स केरल से आती हैं और उन्होंने चिकित्सकों और पराचिकित्सा कर्मियों के साथ अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के तौर पर देश की सेवा की है। वडक्कन ने कहा कि उन्होंने जान भी गंवाई है। उन्होंने कहा कि केरल सरकार की तरफ से इस मामले को लेकर “चुप्पी” पर भी वह हैरान हैं।
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