दिल्ली सरकार कोविड के दौरान गरीबों के किराये भुगतान के वादे पर फैसला करे: उच्च न्यायालय

Edited By PTI News Agency,Updated: 22 Jul, 2021 08:51 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को व्यवस्था दी कि नागरिकों से किसी मुख्यमंत्री का वादा स्पष्ट रूप से ‘ लागू करने योग्य होता है।’ इसी के साथ ही उसने आप सरकार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस वादे पर फैसला...

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को व्यवस्था दी कि नागरिकों से किसी मुख्यमंत्री का वादा स्पष्ट रूप से ‘ लागू करने योग्य होता है।’ इसी के साथ ही उसने आप सरकार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस वादे पर फैसला करने का निर्देश दिया कि कोविड-19 महामारी के दौरान यदि कोई गरीब किरायेदार किराये का भुगतान करने में असमर्थ है तो राज्य उसका भुगतान करेगा।

उच्च न्यायालय ने कहा कि छह सप्ताह में निर्णय लिया जाए, जिसमें उन लोगों के व्यापक हितों को ख्याल रखा जाए जिनके लिए, दिल्ली के मुख्मयंत्री के बयान के अनुसार, फायदे के बारे में सोचा गया था, इसलिए आप सरकार इस संबंध में स्पष्ट नीति बनाये।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि एक बार मुख्यमंत्री ने विधिवत आश्वासन दे दिया तो ऐसे में यह दिल्ली सरकार पर यह रूख तय करने की जिम्मेदारी बनती है कि वादे को लागू किया जाए या नहीं।

अदालत ने कहा कि यह वादा भूस्वामियों एवं किरायेदारों के जख्मों पर मलहम लगाने के लिए था, जो दिल्ली के नागरिकों के रूप में बहुत प्रभावित हुए, लेकिन अब यह स्पष्ट नहीं कि क्यों सरकार ने मुख्यमंत्री के वादे की अवमानना करने और उसे अमलीजामा नहीं पहनाने का चुनाव किया ।

अदालत ने 89 पन्नों के फैसले में कहा, ‘‘ महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन एवं प्रवासी श्रमिकों की बड़े पैमाने पर यहां से जाने की पृष्ठभूमि में सोच-समझकर बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में दिये गये बयान की ऐसे ही अनदेखी नहीं की जा सकती। उपयुक्त प्राधिकार के लिए जरूरी है कि सरकार मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये आश्वासन पर निर्णय ले, उसपर उसकी निष्क्रियता जवाब नहीं हो सकता है।’’
अदालत ने कहा कि इस ‘ अनिर्णय’ पर सरकार को प्रश्न का उत्तर देने की जरूरत है, लेकिन वह तो ऐसा करने में विफल रही है।

यह फैसला दिहाड़ी मजदूरों एवं श्रमिकों की एक याचिका पर आया, जिसमें पिछले साल 29 मार्च को केजरीवाल द्वारा किये गये उस वादे को लागू करवाने का अनुरोध किया गया कि यदि किरायेदार गरीबी के चलते किराया भरने में असमर्थ है तो सरकार उसकी तरफ से किराया देगी।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!