मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए विशेष कोष मांगने के संकल्प को राज्यसभा ने अस्वीकार किया

Edited By Updated: 25 Mar, 2023 10:17 AM

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नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) राज्यसभा ने शुक्रवार को एक निजी संकल्प को अस्वीकार कर दिया, जिसमें मुसलमानों खासकर महिलाओं की शैक्षणिक एवं सामाजिक पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए मदरसों के अधुनिकीकरण के लिए विशेष कोष सृजित करने की मांग की गई थी।

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) राज्यसभा ने शुक्रवार को एक निजी संकल्प को अस्वीकार कर दिया, जिसमें मुसलमानों खासकर महिलाओं की शैक्षणिक एवं सामाजिक पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए मदरसों के अधुनिकीकरण के लिए विशेष कोष सृजित करने की मांग की गई थी।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक निजी संकल्प का विरोध करते हुए कहा कि देश में धर्म के आधार पर लोगों के बीच विभाजन नहीं होना चाहिए और मौजूदा सरकार सभी तबकों को साथ लेकर ‘‘न्यू इंडिया’’ की दिशा में काम कर रही है, जो समावेशी और समता पर आधारित है।

स्मृति ईरानी उच्च सदन में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल वहाब के एक निजी संकल्प पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप कर रही थीं। वहाब द्वारा लाया गया संकल्प सच्चर समिति की रिपोर्ट के क्रियान्वयन से संबंधित था। वहाब ने इस संकल्प के जरिए मुसलमानों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार से विभिन्न कदम उठाने का आग्रह किया था।

स्मृति ईरानी ने इस संकल्प का विरोध करते हुए कहा कि इसमें नागरिकों और संविधान पर आक्षेप का प्रयास किया गया है। उन्होंने समाज के सभी तबकों के समावेश पर बल देते हुए कहा कि यह सरकार तीन दशकों के बाद नयी शिक्षा नीति लेकर आई है, जिसे गहन विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। उन्होंने नयी शिक्षा नीति को समावेशी बताते हुए कहा कि अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न स्तरों पर एवं विभिन्न पक्षों के साथ गहन विचार-विमर्श किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों के कौशल विकास को संस्थागत रूप दिया है और ‘‘न्यू इंडिया’’ के निर्माण की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘‘न्यू इंडिया’’ को धर्म के आधार पर नहीं तोड़ना चाहिए।

इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य अजय प्रताप सिंह ने भी वहाब के संकल्प का विरोध किया और कहा कि सच्चर समिति के गठन को अदालत में चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे में उस समिति की रिपोर्ट मानने योग्य नहीं है।

संकल्प पर चर्चा 10 फरवरी को शुरु हुई थी।

ईरानी के संबोधन के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने चर्चा का जबाव देने के लिए अब्दुल वहाब का नाम पुकारा, लेकिन उस समय वहाब सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य सदन में उपस्थित नहीं थे।

बाद में उच्च सदन ने ध्वनि मत से वहाब के संकल्प को नामंजूर कर दिया।

इसके बाद सभापति ने अपने निजी संकल्प पेश करने के लिए कांग्रेस सदस्यों शक्ति सिंह गोहिल व विवेक तन्खा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए ए रहीम और वी शिवदासन तथा भाजपा के सुशील कुमार मोदी के नाम पुकारे, लेकिन ये सभी सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे, जिसके कारण उनके संकल्प पेश नहीं हो सके।
इस वजह से सदन की कार्यवाही निर्धारित समय से पहले ही अपराह्न करीब तीन बजकर 50 मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
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