वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से कर्मियों का अर्दली के रूप में इस्तेमाल कदाचार : अदालत

Edited By PTI News Agency,Updated: 26 Jul, 2022 09:33 AM

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चेन्नई, 25 जुलाई (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि पुलिसकर्मियों का अर्दली के रूप में इस्तेमाल की व्यवस्था जारी नहीं रहनी चाहिए और वह चाहता है कि पुलिस के आला अधिकारी स्वेच्छा से ऐसे वर्दीधारी कर्मियों को छोड़ दें।

चेन्नई, 25 जुलाई (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि पुलिसकर्मियों का अर्दली के रूप में इस्तेमाल की व्यवस्था जारी नहीं रहनी चाहिए और वह चाहता है कि पुलिस के आला अधिकारी स्वेच्छा से ऐसे वर्दीधारी कर्मियों को छोड़ दें।

न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम ने कहा कि पुलिस के आला अधिकारियों से न केवल अच्छे आचरण की अपेक्षा की जाती है, बल्कि उनकी कार्रवाई हमेशा संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप होनी चाहिए।

मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘इस प्रकार, उनसे ऐसे सभी अर्दली को स्वेच्छा से छोड़ने की अपेक्षा की जाती है, ऐसा करने से अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों के अनुसार अच्छे आचरण को स्वीकार करने के मामले में उनके वास्तविक साहस का प्रदर्शन होगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि पुलिस विभाग के अधीनस्थ अधिकारी भी उच्च अधिकारियों द्वारा इस तरह के दुरुपयोग या शक्ति के दुरुपयोग या उनके आवासों में अर्दली के रूप में इस्तेमाल के संबंध में शिकायत भेजने या सरकार को जानकारी प्रदान करने के लिए स्वतंत्र हैं।’’
न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम ने कहा कि ऐसी कोई शिकायत या सूचना प्राप्त होने की स्थिति में तमिलनाडु के गृह सचिव आचरण नियमावली के तहत तत्काल कार्रवाई शुरू करेंगे।

अदालत ने यू मानिकवेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में गृह सचिव, चेन्नई के पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, संपत्ति, कल्याण और सामुदायिक पुलिस को प्रतिवादी बनाया गया है।



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