शत्रु संपत्तियों को जल्द निपटाने की तैयारी में केंद्र सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 09:59 AM

central government preparing for early disposal of enemy properties

देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान जैसे देश चले गए लोगों की वैसी संपत्ति का जल्दी ही निपटान किया जाएगा जो कानूनी झमेलों से मुक्त है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय के अनुसार इस मुद्दे पर सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च...

नई दिल्लीः देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान जैसे देश चले गए लोगों की वैसी संपत्ति का जल्दी ही निपटान किया जाएगा जो कानूनी झमेलों से मुक्त है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय के अनुसार इस मुद्दे पर सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। सिंह ने शत्रु संपत्ति कानून, 2017 में नए प्रावधानों की अहमियत को देखते हुए नियमों को शीघ्रता से अधिसूचित किए जाने का निर्देश दिया। कानून में हाल ही में संशोधन कर इसमें शत्रु संपत्ति के निपटान- हस्तांतरण से संबद्ध प्रावधान शामिल किए गए।

मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘यह भी निर्णय किया गया है कि इसके लिए संरक्षक (कस्टोडियन) कार्यालय को मजबूत बनाया जाएगा और मंत्रालय को वैसी संपत्ति के शीघ्र निपटान और उसे बाजार पर चढ़ाने के लिए चिन्हित करना चाहिए जो कानूनी झंझटों से मुक्त है।’’ संशोधित कानून के अनुसार शत्रु संपत्ति से आशय ऐसी संपत्ति से है जो शत्रु की है और उसका प्रबंधन उसकी तरफ से कोई व्यक्ति या शत्रु कंपनी द्वारा किया जा रहा है। शत्रु संपत्ति के मालिक वैसे लोग हैं जो भारत छोड़कर पाकिस्तान या चीन में बस गये हैं। सरकार ने ऐसी संपत्ति को कस्टोडियन आफ एनिमी प्रोपर्टी फार इंडिया के जिम्मे रखा है। केंद्र सरकार के अधीन इस कार्यालय का गठन किया गया है। भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध के बाद शत्रु संपत्ति कानून 1968 में बना। इसी कानून के तहत ऐसी संपत्ति का नियमन होता है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान में भारतीयों की इसी प्रकार की संपत्ति का निपटान किया जा रहा है।  मंत्रालय के अनुसार इस संबंध में राज्य सरकारों से ऐसी संपत्ति की पहचान और मूल्यांकन आदि में तालमेल को लेकर नोडल अधिकारी नियुक्ति पर जोर दिया गया है। वक्तव्य में कहा गया है कि ऐसी 6,289 संपत्तियों का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। कस्टोडियन के अधिकार क्षेत्र में पड़ी शेष 2,991 संपत्तियों का सर्वेक्षण भी पूरा किया जा रहा है।  इसके अलावा अधिकार क्षेत्र में आने की प्रक्रिया में लगी 5,863 संपत्तियों का सर्वेक्षण कार्य भी जल्द पूरा किया जाना चाहिए।    

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