Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 02:04 PM
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि राजकोषीय
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि राजकोषीय घाटा (फिस्कल डैफिसिट) टार्गेट से अधिक रहने पर अर्थव्यवस्था पर बुरा असर हो सकता है। उन्होंने कहा है कि स्टेट और सैंट्रल गवर्नमैंट दोनों का कंबाइंड फिस्कल डैफिसिट 6 पर्सैंट है जो फिस्कल ईयर 2018 में 100 बेसिस प्वाइंट्स यानी 1 पर्सैंटेज प्वाइंट बढ़ सकता है। पटेल ने बुधवार को मुम्बई में पॉलिसी रिव्यू के बाद प्रैस कॉन्फ्रैंस में कहा कि केंद्र और राज्यों के खाते (पहले ही जी.डी.पी. का 6 पर्सेंट है) को मिलाकर देखें तो राष्ट्रीय स्तर पर फिस्कल पोजीशन टाइट नहीं कही जा सकती।
दूसरे शब्दों में हमें इस बारे में बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है कि कहीं फिस्कल मोर्चे पर उठाए जाने वाले कदमों से आॢथक स्थिरता को नुक्सान न हो जाए। आर.बी.आई. की हालिया मॉनिटरी पॉलिसी रिपोर्ट के मुताबिक ग्रोथ रेट में आ रही कमी का टैक्स रैवेन्यू पर भी नकारात्मक असर हो सकता है। उसके मुताबिक इन फैक्टर्स के चलते केंद्र सरकार का फिस्कल डैफि सिट बढ़ सकता है। अगर इन घटनाओं पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि स्टेट और सैंटर का कंबाइंड फिस्कल डैफिसिट फिस्कल ईयर 2017-18 में लगभग 100 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ सकता है।