Edited By ,Updated: 31 Jan, 2017 10:29 AM
कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह को बढ़ाने के प्रयास के तहत वर्ष 2017-18 के बजट में कृषि ऋण लक्ष्य को एक लाख करोड़ रुपए बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए किए जाने की संभावना है।
नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह को बढ़ाने के प्रयास के तहत वर्ष 2017-18 के बजट में कृषि ऋण लक्ष्य को एक लाख करोड़ रुपए बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए किए जाने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार वित्तवर्ष 2017-18 में सरकार कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए कर सकती है जो मौजूदा समय में नौ लाख करोड़ रुपए है। वित्तवर्ष 2016-17 के अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान किसानों के बीच करीब 7.56 लाख करोड़ रुपए का वितरण किया गया और कुल कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाए जाने की संभावना है। 1 फरवरी को केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेतली द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले केन्द्रीय बजट में इसके अलावा सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के लिए 10,000 करोड़ रुपए का आवंटन कर सकती है। चालू वित्तवर्ष के लिए सरकार ने इस योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपए का आवंटन किया था लेकिन बाद में संशोधित बजट अनुमान में बढ़ाकर करीब 13,000 करोड़ रुपए किया गया।
पीएमएफबीवाई की पेशकश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अप्रैल 2016 में की थी जिसका उद्देश्य किसानों से काफी कम प्रीमियम लेकर देश में फसल बीमा कवच दायरे को बढ़ाना और दावे का पूर्ण भुगतान सुनिश्चित करना था। सरकार 3 लाख रुपए तक का अल्पावधिक फसल ऋण सात प्रतिशत प्रतिवर्ष की सब्सिडी प्राप्त ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। ऋण के निर्धारित समयावधि के भीतर भुगतान करने के लिए किसानों को 3 प्रतिशत की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है जिसके कारण ब्याज की प्रभावी दर एेसे किसानों के लिए चार प्रतिशत ही रह जाती है। हाल में नोटबंदी के कारण नकदी संकट से जूझने वाले किसानों को राहत प्रदान करने के लिए पिछले साल नवंबर-दिसंबर के लिए अल्पावधिक फसल ऋण पर सरकार ने 660.50 करोड़ रुपए के ब्याज को माफ किया।