Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jun, 2017 12:48 PM
धान जैसे गरमी की खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो गई है और अभी तक किसानों ने 81.33 लाख हैक्टेयर में फसलें लगाई हैं। मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर आने वाले दिनों में इसकी प्रगति पर खास नजर होगी।
नई दिल्लीः धान जैसे गरमी की खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो गई है और अभी तक किसानों ने 81.33 लाख हैक्टेयर में फसलें लगाई हैं। मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर आने वाले दिनों में इसकी प्रगति पर खास नजर होगी। खरीफ सत्र में बुवाई की शुरूआत सामान्य तौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ के साथ होती है और जुलाई में यह गति पकड़ती है। इस मौसम मे धान, तुअर, मूंग, उड़द, सोयाबीन, सूरजमुखी बीज और कपास जैसी मुख्य फसलें होती हैं।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार किसानों ने अभी तक 81.33 लाख हैक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई की है जो रकबा पिछले साल 72.31 लाख हैक्टेयर का था। धान की बुवाई 5.51 लाख हैक्टेयर में की गई है जो पहले 4.52 लाख हैक्टेयर था। जबकि दलहनों की बुवाई 1.64 लाख हैक्टेयर में की गई है जो पहले 1.20 लाख हैक्टेयर थी। मोटे अनाजों की बुवाई पहले के 3.89 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 4.59 लाख हैक्टेयर में की गई है और तिलहनों की बुवाई पहले के 0.94 लाख हैक्टेयर के मुकाबले इस बार 1.27 लाख हैक्टेयर में की गई है।
नकदी फसलों के मामले में गन्ने की बुवाई 47.39 लाख हैक्टेयर में की गई है जो पहले 44.82 लाख हैक्टेयर में हुई थी। जबकि कपास की बुवाई पहले के 9.88 लाख हैक्टेयर की तुलना में 14.06 लाख हैक्टेयर में और जूट की बुवाई पहले के 7.07 लाख हैक्टेयर की तुलना में 6.88 लाख हैक्टेयर में की गई है। इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद है जो खरीफ फसलों के लिए अच्छा माना जा रहा है क्योंकि यह फसल मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर करता है। सरकार को एक बार फिर से फसल वर्ष 2017-18 में भारी मात्रा में खाद्यान्न और बागवानी फसलों के उत्पादन होने की उम्मीद है। हालांकि देश भर में किसान ऋण के साथ-साथ कृषि जिंसों की कीमतों में गिरावट को लेकर परेशान हैं।