मातृत्व कानून: कार्यान्वयन नहीं करने वाली कंपनियों को किया जाए ‘शर्मसार’

Edited By ,Updated: 08 May, 2017 11:05 AM

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उद्योग मंडल सी.आई.आई. की पहली महिला अध्यक्ष शोभना कामिनेनी ने कहा है कि नए मातृत्व कानून के प्रावधानों का कार्यान्वयन समुचित भावना के साथ नहीं करने वाली कंपनियों को ‘शर्मसार’ किया जाना चाहिए।

नई दिल्ली: उद्योग मंडल सी.आई.आई. की पहली महिला अध्यक्ष शोभना कामिनेनी ने कहा है कि नए मातृत्व कानून के प्रावधानों का कार्यान्वयन समुचित भावना के साथ नहीं करने वाली कंपनियों को ‘शर्मसार’ किया जाना चाहिए। अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज की कार्यकारी उपाध्यक्ष कामिनेनी यह भी चाहती हैं कि वेतन भत्तों आदि के लिहाज से महिलाएं भी पुरुषों के समान हों।

सी.आई.आई. की अध्यक्ष कामिनेनी ने देश में सभी के लिए अच्छे और किफायती हैल्थकेयर की जोरदार वकालत करते हुए कहा, ‘‘मातृत्व लाभ (संशोधन) कानून के तहत अन्य सुविधाओं के तहत महिला कर्मियों के लिए 26 सप्ताह के सवैतनिक अवकाश के साथ-साथ कार्यस्थल पर क्रेच सुविधा का प्रावधान है। ऐसी आशंका है कि कानून के प्रावधानों के मद्देनजर कंपनियां महिलाओं को नौकरी देने से कतराएंगी। कामिनेनी ने स्वीकार किया कि इससे तनाव होगा लेकिन यह करना होगा।’’

घर पर खाली नहीं बैठे रहना चाहतीं महिलाएंकामिनेनी ने कहा कि इससे (मातृत्व कानून के प्रावधानों से) प्रणाली में तनाव पैदा होगा लेकिन हमें यह स्वीकार करना होगा कि समानता के लिहाज से यह किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को महिलाओं के लिए घर से काम करने की सुविधा की संभावना तलाशनी चाहिए क्योंकि वे घर पर खाली नहीं बैठे रहना चाहतीं।

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