Edited By ,Updated: 20 Apr, 2017 12:33 PM
अगर आप हैल्थ इन्श्योरेंस पॉलिसी का रिन्यूअल करवाने जा रहे हैं तो आपको महंगे प्रीमियम का झटका लग सकता है। आपको हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर 10 से 25 फीसदी ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है।
नई दिल्लीः अगर आप हैल्थ इन्श्योरेंस पॉलिसी का रिन्यूअल करवाने जा रहे हैं तो आपको महंगे प्रीमियम का झटका लग सकता है। आपको हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर 10 से 25 फीसदी ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है। वहीं बीमा कंपनियों का कहना है कि रिटेल हैल्थ इन्श्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम में इजाफा जायज है और बीमा नियामक की मंजूरी के बाद ही प्रीमियम बढ़ाया गया है।
क्यों देना होगा ज्यादा प्रीमियम
निजी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी फ्यूचर जेनरॉली के हेड, हैल्थ इन्श्योरेंस, शीराज देशपांडे ने बताया कि अगर किसी हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम पिछले दो तीन साल से नहीं बढ़ा है तो उस पॉलिसी में प्रीमियम में 25 से 30 फीसदी तक इजाफा हो सकता है। बाजार में अब भी कई ऐसे पुराने प्रोडक्ट हैं। मौजूदा समय में सालाना 12 से 16 फीसदी तक मैडीकल इन्फ्लेशन चल रही है। ऐसे में अगर रिटेल सेगमेंट में हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में 25 से 30 फीसदी तक इजाफा होता है तो पॉलिसी होल्डर को चेक करना चाहिए कि पिछले दो तीन सालों में उसका प्रीमियम बढ़ा है या नहीं।
कंपनियां हर साल भी बढ़ा सकती हैं प्रीमियम
निजी क्षेत्र की ही साधारण बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोंबार्ड के चीफ, अंडरराइटिंग एंड क्लेम्स, संजय दत्ता का कहना है कि नए हैल्थ इंश्योरेंश रेग्यूलेशन के तहत अब बीमा कंपनियां हर साल भी प्रीमियम बढ़ा सकती हैं लेकिन उनको बीमा नियामक भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के सामने इसको वाजिब साबित करना होगा।