Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 11:46 PM
स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत नगर निगम की ओर से स्ट्रीट वैंडरों को लाइसैंस जारी करने की दिशा में शुक्रवार को पहला चरण पूरा कर लिया गया। पहले चरण की शुरूआत वार्ड नंबर-1 में पड़ते 1 से 11 सैक्टर तक की गई थी।
चंडीगढ़, (राय): स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत नगर निगम की ओर से स्ट्रीट वैंडरों को लाइसैंस जारी करने की दिशा में शुक्रवार को पहला चरण पूरा कर लिया गया। पहले चरण की शुरूआत वार्ड नंबर-1 में पड़ते 1 से 11 सैक्टर तक की गई थी। पहले चरण में 3 दिन तक शहर के सैक्टर-8 की सिविल डिस्पैंसरी में बनी अस्थाई हैल्प डैस्क के जरिए वैंडरों से बनती फीस लेकर उन्हें लाइसैंस जारी किए गए।
पहले दिन 86, दूसरे दिन 102 और तीसरे दिन 151 स्ट्रीट वेंडरों को लाइसैंस जारी किए। अब लाइसैंस बांटने की प्रक्रिया का अब दूसरा चरण 9 अक्तूबर से सिटी के सैक्टर-22 कम्यूनिटी सैंटर से किया जाएगा। इस तीन दिवसीय प्रक्रिया में भी आधार कार्ड की जांच परख के बाद लाइसैंस जारी किए जाएंगे। दूसरे चरण में 4 से 11 वार्ड शामिल होंगे।
इसी तरह 13 अक्तूबर से 12 से 21 तक वार्ड, 16 अक्तूबर से 18 से 25 वार्ड शामिल किए जाएंगे। यह पूरी प्रक्रिया चार जोन में बांटी गई है। निगम के सोशल डिवैल्पमैंट ऑफिसर विवेक त्रिवेदी के मुताबिक हमने लाइसैंस के लिए आवेदन करने वाले कई वैंडर्स के कागजों की पड़ताल के बाद ही उन्हें लाइसैंस जारी किए हैं, जिनका कहना है कि हमने कागजों की संतुष्टि नहीं होने पर कई वैंडर्स के ओवदन रिजैक्ट भी किए हैं।
लाइसैंस लेने से पूर्व वैंडर को अपने बारे में स्पष्ट करना होगा, ऐसा नहीं होगा कि एक चाय बेचने वाला वैंडर किसी अन्य सैक्टर में अन्य चीजें बेचने का कार्य करता है, उनका कहना है कि हमारे पास सर्वे का डाटा बेस है, जिससे किसी भी वेंडर के बारे में पड़ताल की जा सकती है। उनके मुताबिक पहले डिजिटल सर्वो हुआ था जिसमें अंगूठा लगवाया गया था। उनकी राय में इसमें वार्ड वाइस पाबंदियां हैं। लाइसैंस जारी किए जाने को लेकर फैल रही भ्रांतियों से जुड़े सवाल पर उनका कहना था कि वैंडर्स किसी की बातों में न आएं हमने बकायदा हैल्फ डैस्क बना रखी है, यहां आकर संपर्क कर सकते हैं।