शत्रु की कमियों को जानने के लिए मानें आचार्य चाणक्य की यह सीख
Edited By ,Updated: 10 Jun, 2016 03:29 PM
आचार्य चाणक्य को राजनीति अौर कुटनीतिज्ञ का पितामह कहा जाता है। उन्होंने अखण्ड भारत का निर्माण कर चंद्रगुप्त मौर्य को मगध के सिंहासन पर बैठाया था।
आचार्य चाणक्य को राजनीति अौर कुटनीतिज्ञ का पितामह कहा जाता है। उन्होंने अखण्ड भारत का निर्माण कर चंद्रगुप्त मौर्य को मगध के सिंहासन पर बैठाया था। उन्होंने सुखी और श्रेष्ठ जीवन के लिए कई नीतियां बताई हैं। आज भी यदि इन नीतियों का पालन किया जाए तो हम कई परेशानियों से बच सकते हैं। शत्रुअों की कमियों को जानने के लिए अपनाएं ये नीति-
शत्रु की कमियां जानो
मंत्रचक्षुषा परछिद्राण्यवलोकयन्ति।
अर्थ : मंत्रणा रूपी आंखों से शत्रु के छिद्रों अर्थात उसकी कमजोरियों को देखा-परखा जाता है।
भावार्थ : एक राजा अपने कुशल और चतुर मंत्रियों से विचार-विमर्श करके शत्रु पक्ष की कमियों को जान लेता है।