ग्रहण काल में आ रही है माघ पूर्णिमा की रात, ये है शुभ मुहूर्त और उपाय

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jan, 2018 12:05 PM

magh poornima on 31st january

बुधवार दि॰ 31.01.18 को सर्व पवित्र माघ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। माघ माह की पूर्णिमा को ''बत्तीस पूर्णिमा'' भी कहते हैं। शास्त्रनुसार प्रयागराज के लिए यमुना के संगम पर ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य व मरूद्गण माघ मास में गमन करते हैं।...

बुधवार दि॰ 31.01.18 को सर्व पवित्र माघ पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। माघ माह की पूर्णिमा को 'बत्तीस पूर्णिमा' भी कहते हैं। शास्त्रनुसार प्रयागराज के लिए यमुना के संगम पर ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य व मरूद्गण माघ मास में गमन करते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन सभी देवी-देवता अंतिम बार स्नान करके अपने लोकों को प्रस्थान करते हैं। इस दिन संगम प्रयाग की रेत पर स्नान करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। मघा नक्षत्र के नाम पर माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति होती है। माघ माह में देवता-पितृगण सदृश होते हैं। इस दिन पितृगण के निमित स्वर्ण, तिल, कम्बल, पुस्तकें, पंचांग, कपास के वस्त्र और अन्नादि दान करने से सुकृत्य मिलता है। प्रयाग में माघ पूर्णिमा के दिन स्नान करने से जो फल मिलता है वह फल पृथ्वी में दस हज़ार अश्वमेध यज्ञ करने से भी प्राप्त नहीं होता। पद्मपुराण के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन श्रीहरि का पूजन करने से, कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है, विवादों में जीत हासिल होती है व इस दिन विधिवत शिव पूजन करने से संतान और सौभाग्य  प्राप्त होता है।


पूजन विधि: हरे वस्त्र पर श्रीहरि व महेश्वर के चित्र की स्थापना कर विधिवत पूजन करें। कांसे के दिए में गौघृत का दीप करें, सुगंधित धूप करें, गोरोचन से तिलक करें, मिश्री अर्पित करें व तिल मिश्रित मीठी रोटी का भोग लगाएं। चंदन की माला से 108 बार इन विशेष मंत्रों को जपें। पूजन उपरांत भोग गाय को खिला दें।


मुहूर्त विशेष: बुधवार दि॰ 31.01.18 को माघ पूर्णिमा पर सम्पूर्ण चंद्र ग्रहण होने के कारण सूतक प्रातः 07:07 से प्रारम्भ होकर रात 20:42 तक चलेगा। जिसमें देव प्रतिमा स्पर्श सहित शुभ कार्य वर्जित हैं परंतु ग्रहण के समय किया गया जाप, दान व स्नान अमोघ फलदायी है। इस दौरान खान-पान से परहेज़ रखकर क्षमता अनुसार दान व जाप करें। दान और जाप हेतु सर्वश्रेष्ठ समय शाम 17:58 से लेकर रात 20:42 मिनट तक रहेगा, इस समय में काले तिल, ऊनी वस्त्र, गुड़ व उड़द का दान करें।


पूजन मुहूर्त: रात 20:45 से रात 21:45 तक। (सूतक पश्चात) 
विष्णु पूजन मंत्र: ॐ गजेन्द्रवरदाय नमः॥
शिव पूजन मंत्र: ॐ नन्दिकेश्वराय नमः॥


उपाय
विवादों में जीत हेतु हरे कपड़े में गुड़ व तिल बांधकर किसी कन्या को दान करें।


सौभाग्य और धन की भरमार हेतु तिल के तेल के 14 दीपक शिवालय में जलाएं। 


कार्यक्षेत्र में सफलता हेतु किसी देवालय में कंबल चढ़ाएं। 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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