Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Mar, 2018 01:59 PM
भगवान श्रीकृष्ण जी के दर्शन करना चाहते हो तो मन को शुद्ध-पवित्र करो और अपने विचार ऊंचे रखो। गौमाता को भोजन कराओ और दिल से उसकी सेवा करने लगे बड़े बुजुर्गों के चरण स्पर्श करने से हमारे विरोधी ग्रह भी शांत हो जाते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण जी के दर्शन करना चाहते हो तो मन को शुद्ध-पवित्र करो और अपने विचार ऊंचे रखो। गौमाता को भोजन कराओ और दिल से उसकी सेवा करने लगे बड़े बुजुर्गों के चरण स्पर्श करने से हमारे विरोधी ग्रह भी शांत हो जाते हैं।
सद्गुरु हमें ज्ञान की बूटी देकर हमारे भीतर प्रकाश करते हैं। काम-क्रोध-मोह-लोभ-अहंकार से हमें मुक्त करते हैं।
पहले रिश्तों में बड़ा प्यार होता था आजकल रिश्तों में प्यार नाम की कोई चीज नहीं है। आजकल तो रिश्ते भी व्यापार बन गए हैं। अपनापन खत्म हो गया है। —जनार्दन हरि
छोटी-छोटी बातों से झगड़ा न करें। वातावरण को न बिगाड़ें। एक-दूसरे को क्षमा करना सीखें। अपने भीतर जागृति पैदा करें। आपका घर स्वर्ग बन जाएगा। —मुनि परमाण सागर
चरण स्पर्श करने से हमारे अंदर विनम्रता आती है और हमारा अहंकार मिट जाता है। बुजुर्गों के आशीर्वाद से घर में बरकत पड़ती है। —अमरनाथ भल्ला, लुधियाना
हम दबाव में अनुशासन नहीं सीख सकते। —महात्मा गांधी
अन्याय की बुनियाद पर स्थापित राज्य कभी नहीं टिकता। —सेनेका
क्रूरता एवं दुर्बलताओं से ही समस्त अत्याचार जन्म लेते हैं। —सेनेका
सच की विजय देर से होती है। —गीता
इसलिए तो बच्चों पर नूर-सा बरसता है, शरारतें करते हैं, साजिशें नहीं करते।