घर में बनाए रखना चाहते हैं शांति, एक बार अवश्य पढ़े यह किस्सा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Feb, 2018 03:57 PM

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अाजकल अक्सर देखने को मिलता है कि पति-पत्नी में क्रोध के चलते बड़े-बड़े विवाद होने लगते हैं। क्रोध से आजतक किसी का भला नहीं हुआ, यह अति नुकसानदायक होता है और इस भाव के चलते व्यक्ति को सही गलत की पहचान भूल जाती है।

अाजकल अक्सर देखने को मिलता है कि पति-पत्नी में क्रोध के चलते बड़े-बड़े विवाद होने लगते हैं। क्रोध से आजतक किसी का भला नहीं हुआ, यह अति नुकसानदायक होता है और इस भाव के चलते व्यक्ति को सही गलत की पहचान भूल जाती है। व्यक्ति क्रोधित हो सामने वाले को एेसी कई बातें बोल देता है जो लंबे समय तक तकलीफ पहुंचती रहती है। 

इसलिए अगर आप अपने वैवाहिक जीवन में सुखी रहना चाहते हैं तो एक-दूसरे का क्रोध से नहीं शांति पूर्ण साथ दें। यदि दोनों में से कोई एक भी गुस्से में है तो दूसरे को शांत रहकर बात को संभालने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि दोनों ही क्रोधित हो जाएंगे तो बात का बिगड़ना स्वाभाविक होता है।


आईए जानें प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात के वैवाहिक जीवन से जुड़ी प्रचलित एक कहानी कि किसी प्रकार सुकरात ने गुस्से में रहनी वाली 

यहां जानिए प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात के वैवाहिक जीवन से जुड़ा बहुत प्रचलित एक किस्सा, किस प्रकार सुकरात ने हर समय गुस्से में रहने वाली अपनी पत्नी को शांत किया।

किस्सा
महान यूनानी दार्शनिक सुकरात के व्यवहार में अहंकार नहीं था। वे बहुत लोकप्रिय, अत्यंत सहज, सहनशील और विनम्र स्वभाव के थे।


नम्र स्वभाव के सुकरात की पत्नी बहुत गुस्से वाली थीं। वे छोटी-छोटी बात पर लड़ा करती थीं, लेकिन सुकरात शांत ही रहते थे। वे उनके तानों का कोई जवाब नहीं देते और दुर्व्यवहार की अति हो जाने पर भी कोई जवाब नहीं देते थे।

पत्नी ने सुकरात पर डाला पानी
एक बार सुकरात अपने शिष्यों के साथ घर के बाहर बैठे थे। किसी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा चल रही थी। तभी घर के अंदर से उनकी पत्नी ने किसी काम के लिए उन्हें आवाज लगाई, लेकिन सुकरात चर्चा में इतने खोए हुए थे कि पत्नी की अावाज पर उनका ध्यान ही नहीं गया।

सुकरात को पत्नी ने कई बार पुकारा, लेकिन वे खोए रहने के कारण नहीं सुन पाए। अब तो पत्नी का गुस्सा चरम पर पहुंच गया। उसने शिष्यों के सामने ही एक घड़ा पानी लाकर सुकरात पर डाल दिया।

यह देखकर शिष्यों को बहुत बुरा लगा। सुकरात शिष्यों की भावना समझकर शांत स्वर में बोले- देखो, मेरी पत्नी कितनी उदार है। इस भीषण गर्मी में मेरे ऊपर पानी डालकर मुझे शीतलता प्रदान करने की कृपा की।

अपने गुरु की सहनशीलता देख शिष्यों ने श्रद्धा के साथ प्रणाम किया और पत्नी का क्रोध भी शांत हो गया। पत्नी के गुस्से का जवाब सज्जनता से देने पर क्रोध शांत हाे जाता है और बड़े विवाद की स्थिति नहीं बनती। घर में शांति बनाए रखने के लिए इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। 

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