मुख्यद्वार से संबंधित इन बातों का रखें ध्यान, सुख-समृद्धि़ में होगी वृद्धि

Edited By ,Updated: 28 Feb, 2017 02:48 PM

tips related to main gate

घर के मुख्यद्वार का बहुत महत्व है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार का सीधा सम्बन्ध घर के सदस्यों की सामाजिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति

घर के मुख्यद्वार का बहुत महत्व है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार का सीधा सम्बन्ध घर के सदस्यों की सामाजिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति से होकर जाता है। मुख्यद्वार द्वारा ही घर में नकारात्मक अौर सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है। यदि घर का मुख्य द्वार वास्तु दोष रहित हो तो घर में सुख-समृद्धि़ सदैव रहेगी। वास्तु में कुछ ऐसी बातों का उल्लेख है जिन्हें अपना कर घर में होने वाले मंगल कार्यो में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त घर में सुख-शांति बनी रहती है। 

 

वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार का रंग गहरा महरून, पीला या लाल होना चाहिए। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। यदि ऐसा करना संभव नहीं है तो मुख्यद्वार पर इनमें से किसी रंग की पेंटिग या शो पीस लटका दें लाभ होगा। 

 

मुख्यद्वार पर 6 छड़ वाली धातु से निर्मित विंड चाइम लटकाएं। इससे घर के वास्तुदोष दूर होते हैं। इसकी आवाज से मुख्यद्वार के आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है। 

 

मुख्यद्वार के आस-पास तुलसी या चमेली की बेल रखनी चाहिए। इससे घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है। यदि मुख्यद्वार गलत दिशा में बना हो तो उसका दुष्प्रभाव भी कम हो जाता है। 


घर के मुख्य द्वार पर ऊँ, श्रीगणेश, स्वास्तिक, शुभ-लाभ आदि शुभ चिन्ह बनाने चाहिए। इससे घर पर सभी देवी-देवताअों की कृपा बनी रहती है। घर को किसी की बुरी नजर भी नहीं लगती है। 

 

मुख्यद्वार पर वंदनवार लगाना शुभ होता है। वंदनवार अशोक के वृक्ष के पत्तों से बना हो तो बहुत शुभ होता है। यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो बाजार से मिलने वाले वंदनवार को भी लगा सकते हैं।

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