सब तारों में सबसे ऊंचा स्थान ‘ध्रुव तारे’ को क्यों मिला

Edited By ,Updated: 08 Mar, 2017 03:38 PM

why is the highest place in all the stars dhruv tare

भक्त ध्रुव का नाम प्रेरणा पुंज बालकों में सर्वप्रथम स्मरण आता है। ध्रुव के पिता का नाम राजा उत्तानपाद था।

भक्त ध्रुव का नाम प्रेरणा पुंज बालकों में सर्वप्रथम स्मरण आता है। ध्रुव के पिता का नाम राजा उत्तानपाद था। उनकी माता का नाम सुनीति था। उनकी दूसरी सौतेली माता का नाम सुरुचि था। रानी सुरुचि का पुत्र उत्तम राजा को अधिक प्रिय था, ध्रुव को वह उतना नहीं चाहते थे।


राजा उत्तानपाद एक दिन राज सिंहासन पर बैठे थे। उनकी गोदी में ध्रुव का सौतेला भाई बैठा था। ध्रुव ने भी राजा की गोदी में बठने की जिद की। रानी सुरुचि ने उसे रोक दिया और कहा, ‘‘राजा की गोद मेरे ही पुत्र के योग्य है। ध्रुव यदि तुम उस पर बैठना चाहते हो तो ‘इतने पुण्य’ संचित करो तभी तुम उसके योग्य हो सकते हो।’’ बालक ध्रुव बड़ा ही स्वाभिमानी था। उसे रानी की दुत्कार ने झकझोर दिया।


बालक ध्रुव ने प्रतिज्ञा की, ‘‘मैं दूसरों के द्वारा दिए गए स्थान को ग्रहण नहीं करूंगा। मैं परिश्रम और तपस्या से अपना स्थान स्वयं बनाऊंगा तथा ऐसा स्थान प्राप्त करूंगा जो किसी और ने आज तक प्राप्त नहीं किया होगा। ध्रुव की माता ने उसे ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ का मंत्र दिया। बालक ध्रुव ने घोर तपस्या की और अंत में भगवान विष्णु ने उसे दर्शन दिए और ‘वर’ मांगने को कहा।


ध्रुव ने कहा- हे प्रभु! मुझे ऐसा पद दीजिए जो सब पदों से ऊंचा हो। अपना अलग महत्व रखता हो तथा जिस पद पर आज तक कोई विराजमान न हुआ हो। विष्णु ने उसे सब तारों के बीच सर्वोच्च स्थान दिया। वह ‘ध्रुव का तारा’ बन कर अमर हुआ। ध्रुव तारे को सब तारों में सबसे ऊंचा स्थान प्राप्त है।

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!