Edited By ,Updated: 07 Sep, 2016 08:04 AM
आज गणेशोत्सव का तीसरा दिन और बुधवार का शुभ दिन है। ये दोनों दिवस गणपति बप्पा को बहुत प्रिय हैं। जो जातक अपने घर में गणपति जी को स्थापित करते हैं,
आज गणेशोत्सव का तीसरा दिन और बुधवार का शुभ दिन है। ये दोनों दिवस गणपति बप्पा को बहुत प्रिय हैं। जो जातक अपने घर में गणपति जी को स्थापित करते हैं, उनमें से बहुत सारे ढाई दिन गणपति जी को रखकर किसी पवित्र नदी में विर्सजित कर देते हैं। अत: आज का दिन बहुत मंगलमय है।
भगवान गणेश गणाधिपति हैं अर्थात ये जन के देवता हैं। गणेशोत्सव के दौरान इन्हें प्रसन्न करना बेहद सरल और सुगम है। गणेश जी सर्व सिद्धियों के प्रदाता हैं। शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की दो पत्नियां ऋद्धि-सिद्धि व पुत्र शुभ और लाभ बताए गए हैं। भगवान गणेश विघ्रहर्ता हैं तथा उनकी पत्नियां ऋद्धि-सिद्धि यशस्वी, वैभवशाली व प्रतिष्ठित बनाने वाली होती हैं और शुभ-लाभ हर सुख-सौभाग्य देने के साथ उसे स्थायी और सुरक्षित रखते हैं।
पुराणों में कुछ विशेष विधियां और उपाय बताएं गए हैं जिन्हें करके हम गणाधिपति को प्रसन्न कर सकते हैं। गणेश जी की पूजा-उपासना से पारिवारिक कलह से मुक्ति मिलती है, व्यक्ति के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
उपाय: सर्वप्रथम भगवान लम्बोदरं को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करें तथा उनके चित्र अथवा प्रतिमा का विधिपूर्वक पंचोउपचार पूजन करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं, चंदन की अगरबत्ती जलाएं। सफेद फूल चढ़ाएं। श्वे़त चंदन से तिलक करें। मावे के पेड़े का भोग लगाएं। दोनों हाथ मावे में शमी के कुछ पत्ते लेकर गणपति जी को यह मंत्र बोलते हुए अर्पित करें। दोनों हाथों में अक्षत (साबुत चावल) लेकर यह मंत्र बोलते हुए अक्षत गणेश जी को अर्पित करें।
मंत्र: इदं अक्षतम् श्रीं ह्रीं क्लीं लंबोदरायैकदंताय नमोस्तुते।
इस उपाय से गृहक्लेश समाप्त होता है तथा परिवार में खुशहाली रहती है।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com