लगन और मेहनत के दम पर ऑटो ड्राइवर से आज बन गया पायलट

Edited By ,Updated: 13 Oct, 2015 05:52 PM

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हौंसले, लगन और मेहनत के दम पर इस नौजवान ने कामयाबी की उस उंचाई को हासिल किया है जिसे पाने के लिए अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते है।

भोपाल:  हौंसले, लगन और मेहनत के दम पर इस नौजवान ने कामयाबी की उस उंचाई को हासिल किया है जिसे पाने के लिए अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते है।

दरअसल, ऑटो चलाने वाले नौजवान श्रीकांत पंतवणे ऑटो ड्राइवर से आज पायलट बन गए। नागपुर के रहने वाले श्रीकांत ने मप्र के सागर में एविएशन अकादमी से पायलट का कोर्स किया है। बादलों के बीच प्लेन उड़ाने का सपना पूरा होने के बावजूद श्रीकांत जब भी अपने गांव जाते हैं, वे खेतों में काम करते हैं।

परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते श्रीकांत ने बहुत कम उम्र से काम करना शुरू कर दिया था। उनके पिता सुरक्षा गार्ड थे, जिनकी कमाई पूरे परिवार के लिए काफी नहीं थी। शुरुआत में श्रीकांत ने डिलीवरी ब्वॉय की नौकरी की, इसके बाद उन्होंने ऑटो चलाना शुरू किया। इन जिम्मेदारियों के बीच भी श्रीकांत ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। 

एक बार श्रीकांत नागपुर एयरपोर्ट पर एक कार्यक्रम में कुछ सामान डिलीवर करने पहुंचे थे। एयरपोर्ट के बाहर लगी चाय की दुकान पर खड़े होकर कुछ पायलट आपस में बातचीत कर रहे थे। श्रीकांत ने उनके पास जाकर पूछा की पायलट कैसे बनते हैं? तो जवाब मिला कि , बहुत पैसे खर्च होते हैं और कठिन पढ़ाई करनी पड़ती है।

वहीं, एक अन्य पायलट ने बताया कि 12वीं क्लास के बाद सरकार पायलट के कोर्स के लिए स्कॉलरशिप देती है। यह सुनते ही श्रीकांत ने 12वीं की पढ़ाई शुरू कर दी। अपने मेहनत और लगन के दम पर श्रीकांत ने न सिर्फ 12वीं क्लास अच्छे नंबरों से पास की, बल्कि 2011 में पायलट बनने के लिए स्कॉलरशिप भी हासिल कर ली। अच्छे नंबरों के दम पर श्रीकांत को सागर में एविएशन अकादमी में दाखिला भी मिल गया।

श्रीकांत ने पायलट का कोर्स पूरा तो कर लिया, श्रीकांत ने परीक्षा पास की और उन्हें कमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिल गया। लेकिन, वैश्विक मंदी के चलते उन्हें नौकरी नहीं मिली। श्रीकांत अंग्रेजी नहीं बोल पाते थे। उन्होंने इसे भी एक चैलेंज की तरह लिया। दोस्तों के साथ पढ़ाई और किताबों के माध्यम से बहुत कम समय में श्रीकांत ने इस चैलेंज को भी जीत लिया।

2013 में श्रीकांत को एक और स्कॉलरशिप मिली। इसकी मदद से उन्होंने हैदराबाद के सेंट्रल ट्रेनिंग एस्टेब्लिशमेंट में दाखिला लिया। पढ़ाई पूरी होते तक इंडिगो के लिए उनका कैंपस सलेक्शन हो गया। अप्रैल 2015 से आज श्रीकांत इंडिगो एयरलाइन में पायलट हैं।

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