Edited By ,Updated: 01 May, 2017 11:18 PM
कश्मीर आर्थिक गठबंधन (के.ई.ए.) ने सोमवार को वाणिज्यिक कर (सी.टी.) विभाग में सामान्य बिक्री कर (जी.एस.टी.) के लिए व्यापारियों को पंजीकरण करवाने के लिए मजबूर करने की आलोचना करते हुए कहा कि सी.टी. विभाग जी.एस.टी. के लिए व्यापारियों का पंजीकरण कर रहा...
श्रीनगर : कश्मीर आर्थिक गठबंधन (के.ई.ए.) ने सोमवार को वाणिज्यिक कर (सी.टी.) विभाग में सामान्य बिक्री कर (जी.एस.टी.) के लिए व्यापारियों को पंजीकरण करवाने के लिए मजबूर करने की आलोचना करते हुए कहा कि सी.टी. विभाग जी.एस.टी. के लिए व्यापारियों का पंजीकरण कर रहा है, जो राज्य विधानसभा से पारित किए बिना राज्य में लागू नहीं हो सकता हैं। उन्होंने कहा कि वह जम्मू कश्मीर में जी.एस.टी. को लागू नहीं होने देंगे।
के.ई.ए. के सह-चेयरमैन फारुक डार ने कहा कि वित्त मंत्री हसीब द्राबु हालिया बैठकों में राज्य के व्यपारियों के साथ किए अपने बयानों और वायदों से पलट गए हैं। उन्होंने वित्त मंत्री से बैठक की जिन्होने उनको आश्वासन दिया कि जी.ए.एस. को प्रदेश में तब तक लागू नहीं किया जाएगा जब तक इसको विधानसभा में पारित नहीं किया जाएगा। उनको समझ नहीं आता है कि सी.टी. विभाग जी.एस.टी. के लिए व्यपारियों का पंजीकरण कैसे कर रहा है?
डार जो जम्मू कश्मीर सेंट्रल ठेकेदार समन्वय समिति (जे.के.सी.सी.सी.सी.) के प्रमुख भी हैं, ने कहा कि सरकार को राज्य में जी.एस.टी. को लागू करने पर अपने स्टैंड को स्पष्ट करना चाहिए। चाहे जो भी हो, वह प्रदेश में जी.एस.टी. को इसके मौजूदा रुप में लागू होने नहीं देंगे। जम्मू कश्मीर राज्य में जी.एस.टी. को लागू करना अनुच्छेद 370 के तहत हमारे विशेष दर्जे पर प्रत्यक्ष हमला हैं। इससे हमारी वित्तीय स्वायत्तता को भी नुकसान पहुंचेगा।