Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 07:40 PM
उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसा करने के लिए जीएसटी काउंसिल की मंजूरी जरूरी है पर इसमें केंद्र और राज्य सरकारों की बराबर की अहमियत है। चूकि पेट्रोलियम उत्पादों को इस कर के दायरे में लाने के लिए कुछ राज्य फिलहाल तैयार नहीं है इसलिए इसके लिए सर्वसम्मति बनाने...
अहमदाबादः पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शनिवार को उम्मीद जताई कि अगले एक से डेढ़ साल में पेट्रोलियम उत्पाद भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ जाएंगे। गुजरात चुनाव के प्रचार के सिलसिले में आये श्री प्रधान ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से केंद्र की भाजपा सरकार और वह स्वयं पेट्रोल-डीजल समेत पेट्रोलियम उत्पादोें को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्षधर हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसा करने के लिए जीएसटी काउंसिल की मंजूरी जरूरी है पर इसमें केंद्र और राज्य सरकारों की बराबर की अहमियत है। चूकि पेट्रोलियम उत्पादों को इस कर के दायरे में लाने के लिए कुछ राज्य फिलहाल तैयार नहीं है इसलिए इसके लिए सर्वसम्मति बनाने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले एक से डेढ़ साल में ऐसा हो जायेगा।