भविष्यवाणी: फिर मिल रहे हैं प्राकृतिक आपदाओं के संकेत

Edited By ,Updated: 28 Apr, 2015 02:55 PM

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शनिवार दिनांक 25.04.15 को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर आए 7.9 तीव्रता के भीषण भूकंप से नेपाल, उत्तरपूर्व भारत, बंगलादेश इत्यादि देशों मे तबाही मच गई है। हजारों की तादात में लोगों की मृत्यु हुई है वहीं दूसरी ओर असंख्य इमारतें भी धराशाई हुई हैं। 24 जून...

शनिवार दिनांक 25.04.15 को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर आए 7.9 तीव्रता के भीषण भूकंप से नेपाल, उत्तरपूर्व भारत, बंगलादेश इत्यादि देशों मे तबाही मच गई है। हजारों की तादात में लोगों की मृत्यु हुई है वहीं दूसरी ओर असंख्य इमारतें भी धराशाई हुई हैं। 24 जून 2013, उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण उत्तराखण्ड में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गई तथा इस भयानक आपदा में भी हजारों की संख्या मे लोग मारे गए थे। बीते कई दशकों में ऐसी कई प्राकृतिक आपदाएं हमें संकेत देती है कि मानव मस्तिष्क व तकनीकी विज्ञान मिलकर भी प्रकृति के स्वाभाव को समझ नही पाएं हैं। आज के इस वैज्ञानिक युग में भी अभी तक मौसम, वर्षा, बाड़, भूकंप ज्वालामुखी विस्फोट आदि उत्पातों का सटीक अनुमान लगाना असंभव है। सुनामी व भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा का रहस्य अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है।

नवसंवत्सर की प्रातः अर्थात शाक संवत 1937 व विक्रम संवत 2072 के सूर्योदय कालीन कुंडली के अनुसार अर्थात शनिवार दिनांक 21.03.15 की प्रातः 06 बजकर 26 मिनट की कुंडली के आधार पर सूर्य, चंद्र, मंगल, शुक्र व वृहस्पति राहु व केतु के मध्य मे स्थित थे। विक्रम संवत 2072 के राजा शनिदेव हैं तथा मंगलदेव इस वर्ष के मंत्री हैं। यह दोनों ग्रह एक दुसरे के परम शत्रु हैं। शुक्रवार दिनांक 20.03.15 चैत्र अमावस्या के दिन संपूर्ण खगोलीय सूर्य ग्रहण लगा था तथा शनिवार दिनांक 04.04.15 चैत्र पूर्णिमा के दिन संपूर्ण खगोलीय चंद्रग्रहण लग था। दोनों ग्रहण 16 दिन के अंतराल पर लगे थे। इस से तात्पर्य यह है कि विक्रम संवत 2072 का आधा हिस्सा अर्थात मंगलवार दिनांक 13.10.15 शारदीय नवरात्र की घट स्थापना तक का समय भूकंप सुनामी व प्राकृतिक आपदाओं हेतु अत्यधित प्रलयंकारी सिद्ध हो सकता है।

इस वर्ष शनिवार दिनांक 21.03.15 से मंगलवार दिनांक 13.10.15 तक का यह लगभग 6 महीने का समय अनेक प्राकृतिक आपदाओं के संकेत दे रहा है। इस समयावधि में कुछ ऐसे दिन, नक्षत्र और तारीखें हैं जो अशुभता का हमें संकेत दे रही हैं। इस छ: महीने की आवधि ये तारीखें इस प्रकार हैं।

1. दिनांक 28.04.2015 इस दिन मंगलवार है व केतु का नक्षत्र मघा भी है तथा अंकशास्त्र के अनुसार इस दिन का समग्र अंक 4 है जो राहू को संबोधित करता है।

2. दिनांक 02.05.2015 इस दिन शनिवार है व मंगल का नक्षत्र चित्रा भी है तथा अंकशास्त्र के अनुसार इस दिन का समग्र अंक 6 है जो शुक्र को संबोधित करता है।

3. दिनांक 05.05.2015 इस दिन मंगलवार है व शनि का नक्षत्र अनुराधा भी है तथा अंकशास्त्र के अनुसार इस दिन का समग्र अंक 9 है जो मंगल को संबोधित करता है।

4. दिनांक 12.05.2015 इस दिन मंगलवार है व राहू का नक्षत्र शतभिषा भी है तथा अंकशास्त्र के अनुसार इस दिन का समग्र अंक 7 है जो केतु को संबोधित करता है।

5. दिनांक 23.05.2015 इस दिन शनिवार है व शनि का नक्षत्र पुष्य भी है तथा अंकशास्त्र के अनुसार इस दिन का समग्र अंक 9 है जो मंगल को संबोधित करता है।

इस वर्ष पुनः रविवार 13 सितंबर 2015 के दिन हिंद महासागर के दक्षिणी छोर में आंशिक सूर्यग्रहण पड़ रहा है तथा सोमवार 28 सितंबर 2015 के दिन आंशिक चंद्रग्रहण भी लग रहा है। पुनः एक पक्ष अर्थात 16 दिन के अंतराल पर दो ग्रहण पड़ रहे हैं। प्राकृतिक आपदा अत्यधिक रूप से अरब खाड़ी से सटे देशों, अफ्रीका, हिमालय का तलहटी क्षेत्र, पूर्वी अफ़्रीका महाद्वीप के देश, पश्चिमी रूस और यूरोपीय देशों में देखे जाएंगे।

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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