Edited By ,Updated: 05 Jul, 2015 12:40 PM
हौंसले बुलंद हों तो कोई भी मंजिल कठिन नहीं होती। ऐसा ही कारनामा कश्मीर घाटी में रहने वाली रूवेदा सलाम ने कर दिखाया।
नई दिल्ली: हौंसले बुलंद हों तो कोई भी मंजिल कठिन नहीं होती। ऐसा ही कारनामा कश्मीर घाटी में रहने वाली रूवेदा सलाम ने कर दिखाया। जिन्होंने सिविल सर्विसेज के सफल प्रतियोगियों में स्थान प्राप्त किया। रूवेदा का रैंक 878 रहा। पिछले बार उन्होंने 820 रैंक हासिल किया था। कभी मेडिकल परीक्षा, तो कभी कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)।
परीक्षाओं में उतरना और उसमें सफल होना रूवेदा सलाम की शुमार हो चुका है। 2013 में सिविल सर्विस परीक्षा में कामयाब होने वाली पहली कश्मीरी महिला रूवेदा वर्तमान में दक्षिण भारत में आईपीएस के रूप में तैनात है। वह राज्य के किश्तवाड़ जिले में जन्मी और पली बढ़ी है।
रुवेदा ने सबसे पहले मेडिकल की परीक्षा पास की। उसके बाद उन्होंने केएएस बनने का गौरव हासिल किया और जम्मू-कश्मीर में एक सीनियर अफसर के रूप में तैनात रहीं। मीडिया से बातचीत के दौरान रूवेदा ने कहा कि मेरे और मेरे परिवार के लिए यह यादगार लम्हा है।